डिप्रेशन 21वीं सदी की सबसे खतरनाक बीमारी है – मुनि अतुल

राजसमन्द @RajsamandTimes। आचार्य श्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार एवं मुनि  अतुल कुमार के कच्छारा निवास पर 9 दिवसीय धोइंदा प्रवास के उपलक्ष्य में तेरापंथ समाज द्वारा मंगलभावना समारोह आयोजित किया गया। मुनिद्वय दिनांक 16 अप्रैल को स्टोनाइट मार्बल,17 अप्रैल को तेरापंथ भवन, नाथद्वारा पधारेंगे। यहां 21 अप्रैल को महावीर जयंती का आयोजन करेंगे।

मुनि अतुल कुमार ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि उदासी, फिर निराशा और फिर डिप्रेशन यह छोटी-सी भावना गहरा जाए तो जानलेवा हो जाती है। भारत जैसा खुशहाली में यक़ीन रखने वाला देश डिप्रेशन के मामले में नंबर दो पर आ पहुंचा है। सचेत हो जाइए ।समय रहते इससे छुटकारा पाना ही ठीक है।भागदौड़ की जिंदगी में प्रतिस्पर्धा का दबाव बढ़ गया है। जिस वजह से बच्चे अपनी नैसर्गिक प्रतिभा को खो रहे हैं। डिप्रेशन 21वीं सदी की सबसे खतरनाक बीमारी सिद्ध हो रही है। बीते दस सालों में युवाओं में आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। इसके तेजी से बढ़ने के पीछे अब तक केवल आर्थिक कारणों को ज़िम्मेदार माना जाता था ।लेकिन युवाओं में इसकी बड़ी वज़ह स्कूल और परिवार का दबाव है। आत्महत्या के बड़े कारण मानसिक दबाव, मानसिक रोग व पारिवारिक झगड़े लगते हैं। कोई भी आत्महत्या करने वाला रातों-रात इसका इरादा नहीं करता। युवा तो इसके लिए पहले प्लानिंग भी करते हैं ।यहां तक कि वे कुछ दिन पहले से ही मैं अब शिकायत नहीं करूंगा, अब नहीं आऊंगा, मैं चला जाऊंगा जैसे संकेत भी देते हैं ।हालांकि यह संकेत उनके साथ रहने वाले मित्रों या परिजनों को पता चलते हैं। आत्महत्या की कुछ घटनाओं के पीछे कारण इतनी छोटी बातें होती हैं कि जिसे मात्र शेयर करने से हल किया जा सकता है। यदि इन बातों की तरफ ध्यान दिया जाए तो आत्महत्या का इरादा बदला जा सकता है। युवाओं का अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रहने के कारण भी वे असफल होने पर आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं। माता-पिता और शिक्षकों को चाहिए कि वे हर विद्यार्थी को एक ही तराजू में तौलकर ना देखें। बच्चों को उसकी रुचि के विपरीत सब्जेक्ट दिलाने का निर्णय भी उसे सुसाइड की ओर ले जा सकता है। पढ़ाई में बेहतर करने के लिए अभिभावक बच्चों की पिटाई और डांट से बचें। अच्छे मोटिवेशन से बच्चा ज़्यादा बेहतर परिणाम दे सकता है। सिर्फ पढ़ाई में ही उज्जवल भविष्य नहीं देखना चाहिए। बच्चों में जैसी प्रतिभा है उसे उसी दिशा में निखारें। अवसाद से भावी पीढ़ी को बचाना होगा। मुनि रविंद्र कुमार ने मंगल पाठ सुनाया। भेरूलाल लोढ़ा,बापू लाल लोढ़ा,राजेश लोढ़ा,तारा लोढ़ा ने विचार रखे। महिला मंडल ने विदाई गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में काफी अच्छी संख्या में लोग उपस्थित रहे।