गणगौर महोत्सव में छोटू सिंह रावणा ने बांधा समा, शक्ति एवं भक्ति गीतों की दी प्रस्तुति

  राजसमंद@RajsamandTimes। नगर परिषद राजसममंद की ओर से आयोजित गणगौर महोत्सव में चूंदड़ी गणगौर के दिन सांस्कृतिक मंच पर आयोजित भक्ति संध्या में गायक छोटूसिंह रावणा ने जहां भजनों की प्रस्तुतियों से भक्तिरस की वर्षा की, वहीं महाराणा प्रताप और महारानी पद्मिनी पर रचनाएं सुनाकर मेवाड़ के स्वाभिमान को नमन करते हुए श्रोताओं में जोश भर दिया।


गायक रावणा ने भजन संध्या का शुभारंभ भगवान गणेश की वंदना आओ गजानंद …, प्रस्तुत करते हुए की। इसके बाद उन्होंने सद्गुरु आंगण आया में वारी जाऊं रे…, गुरु वंदना प्रस्तुत करते हुए गुरु के चरणों में वंदन किया। इसके बाद उन्होंने पाण्डाल में मौजूद श्रद्धालु श्रोताओं से उनके मूड को जानने का प्रयास किया तो भक्तों ने उनसे अपने खाटूश्याम बाबा पर गाए प्रसिद्ध भजन के लिए अनुरोध किया। इस पर उन्होंने तीन बाण के धारी तीनों बाण चलाओ ना मुश्किल में है दास तेरा अब जल्दी आओ ना…, भजन पेश करते हुए लखदातार की भक्ति में सभी को रमा दिया और शुरआत में ही पूरे पाण्डाल को भक्ति के रंग में डूबो दिया। इसके बाद उन्होंने श्रोताओं के मूड के अनुसार ही भजनों की प्रस्तुतियां देते हुए तेजाजी का भजन लीलण प्यारी लागे.., सुनाया तो पाण्डाल में महिला-पुरुष श्रद्धालु भक्ति नृत्य करने से स्वयं को नहीं रोक पाए। इसके साथ ही उन्होंने प्रभु चारभुजानाथ का प्रसिद्ध भजन बन्नो म्हारो चारभुजा रो नाथ बन्नी म्हारी तुलसा लाडली जी…, पेश किया तो पाण्डाल में थिरकने वाले श्रद्धालुओं की संख्या न सिर्फ बढ़ गई, बल्कि उनकी थिरकन की गति और जोश भी बढ़ गया।


कार्यक्रम की अगली कड़ी में रावणा ने राजस्थानी भजन हेली संगत करो नी निर्मल संत मारी हेली आवागमन मिट जाए रे जनम-मरण छूट जाए…, की प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को बराबर भक्ति नृत्य करने पर मजबूर कर दिया। अलगे चरण में उन्होंने कार्यक्रम को भक्ति से देशभक्ति और मेवाड़ी आन-बान और शान की ओर मोड़ते हुए नीले घोड़ा रा असवार मेवाड़ी सरदार सुणतो ही जाइजे रे…, गीत पेश करते हुए वीर शिरोमणि महाराण प्रताप और मेवाड़ की माटी को नमन करते हुए श्रोताओं में जोश भर दिया। स्वाभिमान को नमन करने की इसी कड़ी में उन्होंने मुगलों की अधीनता स्वीकार करने की बजाए जौहर करने वाली चित्तौडग़ढ़ की महारानी पद्मिनी के चरणों में अपनी अगली रचना पद्मिनी स्वाभिमान अमर तुम्हारा….,प्रस्तुत की तो श्रोता भी मेवाड़ी स्वाभिमान को लेकर गर्व का अनुभव करने लगे और महाराणा प्रताप तथा रानी पद्मिनी के खूब जयकारे भी लगाए। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से कार्यक्रम को भक्ति की ओर मोड़ते हुए हारे के सहारे बाबा श्याम का भजन मस्ती में रंग मस्ताने हो गए श्याम बाबा के दिवाने हो गए…., भजन पेश किया तो श्रद्धालु श्यामबाबा की भक्ति में भावविभोर होकर नाचे बिना नहीं रह पाए। इसके बाद उन्होंने श्रोताओं की फरमाइश पर नैन कटारी रे नैन कटारी गोरी मारे लागी कालजिए पार…, राजस्थानी गीत सुनाया और अंत में आज मन ओम नम: शिवाय गाए एवं बाबा एकलिंगनाथ का भजन पेश कर श्रद्धालुओं को भोलेबाबा की भक्ति में रमा दिया।


कार्यक्रम में नगर परिषद सभापति अशोक टांक, उपसभापति चुन्नीलाल पंचोली, आयुक्त बृजेश रॉय, नेता प्रतिपक्ष हिम्मत कुमावत, पाषर््ाद मांगीलाल टांक, हेमंत रजक, प्रमोद बडारिया, मोनिका खटीक, हिमानी नंदनवाना, राजकुमारी पालीवाल, फुलेश खत्री, हेमंत गुर्जर, हिम्मत कीर, नारायण लाल गाडरी, भुरालाल कुमावत, चंपालाल कुमावत, भैरूलाल, रेडक्रॉस सोसायटी के चेरमैन कुलदीप शर्मा, पूर्व सभापति दिनेश पालीवाल सहित कई पार्षद और विशिष्टजन मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन उमा जोशी, डालचंद कुमावत और मनोहर गिरी गोस्वामी ने किया।