विधिक सेवा प्राधिकरण हेल्पलाइन के सुचारू संचालन को लेकर वर्चुअल बैठक

मुख्य सूत्रधार प्राधिकरण, पैरा लीगल वोलेन्टियर्स ने लिया वर्चुअल भाग 

राजसमंद। राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर के प्रशासनिक न्यायाधीश एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष संगीत लोढ़ा ने कहा कि चिकित्सकीय सेवा प्राप्त करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। साथ ही कल्याणकारी राज्य का यह दायित्व है कि वह हर नागरिक को उचित चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। वे मंगलवार को को कोविड-ं19 महामारी के दौरान आमजन को उपयुक्त एवं समुचित चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई 24 घण्टे हेल्पलाइन के सुचारू संचालन के लिए सम्बन्धित सभी मुख्य सूत्रधारों, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पैरालीगल वॉलेन्टियर्स की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के चलते यद्यपि वांछित चिकित्सीय सुविधाओं की कमी है व आम व्यक्ति ईलाज के लिए इधर से उधर भटक रहा है। फिर भी राज्य सरकार इस दिशा में यथासंभव प्रयास कर रही है। विधिक सेवा संस्थान होने के नाते हमारे यह विधिक दायित्व हैं कि हम हर जरुरतमंद की मदद करें। कोविड महामारी के प्रथम दौर में भी विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा हर जरुरतमंद को समुचित सहायता प्रदान की गई थी। अब कोविड महामारी के द्वितीय दौर में आमजन को हर संभव सलाह व सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में 24 घण्टे चालु रहने वाली हेल्पलाइन स्थापित की गई है। इसका मुख्य कार्य आमजन व चिकित्सा सुविधा प्रदाताओं के मध्य कड़ी का कार्य कर चिकित्सकीय व अन्य सम्बन्धित सहायता उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में चिकित्सकीय सुविधाओं की उपलब्धता व मरीजों की सहायतार्थ आदेश पारित किया है। हेल्पलाइन का संचालन करते समय सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यह सुनिश्चित करें कि सहायता के लिए फोन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की प्रार्थना पर सम्बन्धित सेवा प्रदाता द्वारा समुचित कार्यवाही की जाए। प्राधिकरण हर प्रार्थी की हर प्रार्थना का फॉलोअप करते हुए उसे वांछित सहायता दिलाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि आमजन में कोविड महामारी, कोविड बीमारी से ग्रसित होने पर उपचार सम्बन्धी गाइड लाइन व टीकाकरण के बारे में जागरुकता लाने के सम्बन्ध में विशष अभियान का संचालन किया जाए ताकि महामारी जनित घबराहट को कम किया जा सके।

आने वाली हर शिकायत का फोलोअप लेना आवश्यक

न्यायाधिपति लोढा ने इस बात को मुख्य रूप से कहा गया कि हैल्पलाईन का कार्य मात्र यह ही नही है कि वह किसी व्यक्ति की प्राप्त वेदना को चिकित्सा विभाग या राज्य सरकार के अधिकृत अधिकारी तक पहुंचाए, बल्कि सम्बन्धित विभाग द्वारा उस शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई यह भी जानने का दायित्व है। यदि सम्बन्धित चिकित्सा विभाग या अधिकारी द्वारा योग्य व्यक्ति को चिकित्सा सहायता या अन्य किसी प्रकार की वांछित सहायता नियमानुसार उपलब्ध नही करवाई जाती है तो इसकी रिपोर्ट अविलम्ब रालसा मुख्यालय को एवं राज्य सरकार के उच्च प्राधिकारीयों को करे। सदस्य सचिव राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बृजेन्द्र कुमार जैन ने निर्देशित किया कि वे फिल्ड में कार्य करते समय किसी भी प्रकार की बाधा अथवा परेशानी का सामना करते है तो वे रालसा कार्यालय में तुरन्त सम्पर्क करे ताकि समस्या के समाधान हेतु राज्य सरकार के उच्च प्राधिकारियों से सम्पर्क कर समस्या का अविलम्ब समाधान किया जा सके।

अंत में सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की हेल्पलाईन के सम्बन्ध में आ रही बाधाओं, प्रशासन के सहयोग एवं हेल्पलाईन को प्रभावी बनाने के सम्बन्ध में सुझाव भी आमंत्रित किए गए। संचालन निदेशक रालसा पुनम दरगन ने किया। बैठक में सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों व प्रदेश भर के करीब 500 पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स ने भाग लिया।