गुरु की रूहानी मूरत में,परमात्मा की सुहानी झलक देखना ही शिष्य की भक्ति है – मुनि अतुल

 आचार्य महाश्रमण 50वें दीक्षा कल्याणक दिवस पर आयोजन

नाथद्वारा@RajsamandTimes। नगर के तेरापंथ भवन में शुक्रवार को आचार्य महाश्रमण के 50वें दीक्षा कल्याणक दिवस पर मुनि रविंद्र कुमार एवं मुनि अतुल कुमार के सानिध्य में महाश्रमणोस्तु मंगलम कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान मुमुक्षु भाविका चौधरी पनवेल, मुंबई (सरदारगढ़)का सम्मान किया गया।

मुनि अतुल कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा गुरु आशावादी बनाते हैं और निराशा को जीवन में प्रवेश नहीं करने देते। इसके फलस्वरुप सफलता खुद ब खुद कदम चूमने लगती है। जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के पीछे गुरु का होना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।

सद्गुरु की रूहानी मूरत में परमात्मा की सुहानी झलक देखना ही शिष्य की भक्ति है। अगर गुरू आत्मज्ञानी और जागृत पुरुष हैं तो सफलता का क़दम चूमना बिल्कुल तय है। सफलता के पीछे सकारात्मक ऊर्जा का होना अहम होता है और यही काम गुरु करते हैं। गुरु जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं। अपने सकारात्मक रूख के चलते व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझा लेता है। गुरु स्वयं ज्ञान रूप हैं वे ज्ञान के लिए किसी शास्त्र पर निर्भर नहीं। वे ऐसी विभूति हैं जिन्होंने ज्ञान को अपना आचरण बना लिया है। यही वह प्रमुख कारण है जिसके चलते गुरु की सन्निधि का इतना महत्व है।

गुरु अस्तित्व देता है, ज्ञान नहीं। वह हमारी चेतना को विस्तृत करता है, ज्ञान को नहीं। वह मात्र एक बीज देता है और शिष्य भूमि बनकर उसे बीज को अंकुरित होने, पनपने व खिलने देता है। गुरु के मुख से निकले शब्दों से, गुरु के मुख से निकली उस वाणी से, उस वाणी से सुने हुए ज्ञान से शिष्य का जीवन बदलता है। सच तो यह है कि एक जन्म मां देती है अपने गर्भ से और दूसरा जन्म गुरु देता है। अज्ञानता से निकलकर जो ज्ञान में पहुंचा दिया जाए, उस शिष्य को गुरुपुत्र यां गुरु की संतान कहते हैं। जिंदगी में गुरु के आने से भाग्य के बंद दरवाजे खुल जाते हैं।

इस अवसर पर मुनि रविंद्र कुमार ने मंगल पाठ सुनाया। महिला मंडल अध्यक्ष मंजू पोरवाल ने महाश्रमण अष्टम का संगान किया। मंत्री सविता कोठारी ने आभार जताया एवं नारी लोक का वाचन किया। पूनम तलेसरा ने स्वरचित कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।