उदयसिंह हत्‍या काण्‍ड का पर्दाफाश-‍ हत्या करने के लिये भाई और भाभी ने 2 लाख की सुपारी दी – पुलिस ने 24 घण्‍टे में किया हत्‍या का खुलासा

केलवाडा। केलवाडा थाना पुलिस ने उदयसिंह हत्‍या काण्‍ड का पर्दाफाश करते हुये 6 आरोपीयों को गिरफ्तार किया है। हत्‍या की साजिश उसी के बडे भाई व बडे भाई की पत्नि ने रची थी।

जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भुषण यादव ने बताया कि दिनांक 01.04.21 को प्रार्थिया श्रीमति मन्‍जू बाई पत्नि उदयसिंह परमार राजपूत उम्र 58 साल निवासी बडगांव, परमारों की भागल थाना केलवाडा जिला राजसमन्‍द ने एक लिखित रिपोर्ट पेश की कि मेरा पति उदयसिंह पिता लालसिंह परमार राजपूत उम्र 65 साल निवासी बडगांव, परमारों की भागल जो खेती बाडी व बकरी रखने का काम करता था। मेरे कोई आल औलाद नही है, मेरे खेत नामी बोलीया वाला कालोरा पर स्थित कुएं को गहरा करवा रहे थे। मेरा पति कुएं पर रखवाली हेतु खाट लगाकर वहीं सोता था। बीती रात्रि को भी वहीं सोये थे। मैं रात्रि 9 बजे खाना लेकर गयी थी, जो खाना खिलाकर वापस आ गई थी। आज सुबह करीब 7 बजे चाय लेकर गई तो मेरा पति खाट पर नही था व खाट से कुछ दूर खून पड़ा था, तब मैने घर आकर भाई परिवार वालों को बताया की मेरा पति रात को खाना खिलाकर आयी थी सुबह जाकर देखा तो मेरा पति खाट पर नही व कुछ दूर खून पडा है। तब मेरे परिवार के गांव के लोग व मैं कुएं पर गये, कुएं के अन्‍दर देखा तो मेरे पति की धोती नजर आयी फिर गांव वालों ने कुऐ में मेरे पति उदयसिंह की तलाश की तो कुऐ में पडी हुई थी। जिसे गांव वालों ने बाहर निकाला, लाश को देखा तो मेरे पति के सिर में दो जगह गहरे घाव से खून आ रहा व ललाट में दाहिने तरफ चोट लगी थी व बाएं कान से खून आ रहे थे तथा मुंह के उपर वाले होठ पर भी लगी थी। फिर मेरे पति को लाश को केलवाडा हॉस्‍पीटल लाये जो मोचरी में लाश रखी है मेरे पति को किसी अज्ञात ने लोगों ने मारपीट कर मार कर किसी ने कुएं मे डाल दिया है। मेरे पति की हत्‍या करने वालो का पता लगाया जावें। रिपोर्ट पेश है कानूनी कार्यवाही करावें।
वगैरा रिपोर्ट पर केलवाडा थाना पुलिस ने प्रकरण संख्‍या 82/21 धारा 302,201 आईपीसी में दर्ज कर तफ्तीश केलवाडा थानाधिकारी शैतानसिहं पुलिस निरीक्षक के जिम्‍में की गई। अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्‍ता व वृत्‍ताधिकारी वृत्‍त कुम्‍भलगढ नरपतसिंह के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया। जिसमें केलवाडा थानाधिकारी शैतानसिंह नाथावत पुलिस निरीक्षक, बाबूलाल एएसआई, मानसिंह एएसआई, जालमचन्‍द्र हैडकानि 39, कानि राकेश नं 784, कानि सुनील नं 1101, कानि चन्‍द्रशेखर नं 564 व साईबर एक्‍सपर्ट पवनसिंह एएसआई व कानि दीपकसिंह नं 92 की टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा मुखबिर मामूर किये गये। घटनास्‍थल पर अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्‍ता व वृत्‍ताधिकारी वृत्‍त कुम्‍भलगढ नरपसिंह मय फोरेन्सिक यूनिट, एमओबी शाखा प्रभारी मौके पर पहुंचे। अधिकारीयों द्वारा घटनास्‍थल का निरीक्षण किया गया। हालात-ए-घटनास्‍थल व हालात-ए-हत्‍या को देखकर यह तथ्‍य सामने आया कि वृद्ध उदयसिंह की हत्‍या लूट के इरादे से नही हुई है। इस हत्‍या का कारण कोई अन्‍य ही है। चुंकि उक्‍त हत्‍या पूर्णत: ब्‍लाईन्‍ड थी। और पुलिस के लिए एक चुनौती भरा कार्य था। पुलिस द्वारा मनौवै‍ज्ञानिक तरीके से पूछताछ का सहारा लिया गया। पूछताछ में मृतक उदयसिंह के बडे पिता के लडके हिरासिंह से सर्व प्रथम पूछताछ की गयी तो उसके द्वारा घटना के सम्‍बंध में सर्वप्रथम कुछ भी नहीं बताया गया। इसके पश्‍चात हिरासिंह की पत्नि नाथी बाई से पूछताछ की गयी। नाथबाई से पूछताछ करते वक्‍त नाथीबाई को यह कहा गया कि तेरे पति ने सब कुछ बता दिया है यह तीर थानाधिकारी द्वारा अन्‍धेरे में ही चलाया गया था। इससे नाथीबाई सकपका गयी। और यही बात पुलिस के ध्‍यान में आ गयी और उसको मनौवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करते हुये पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ।
यह था घटनाक्रम-
जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मोतीसिंह व लालसिंह पिता वगतसिंह जाति राजपूत निवासी परमारों की निचली भागल, बडगांव के निवासी थे। मोतीसिंह के लडके का नाम हिरासिंह था। उदयसिंह के पिता का नाम लालसिंह था। उक्‍त दोनो भाईयों के हिस्‍से में करीब 30-35 बीघा जमीन थी। उसमें से हिरासिंह पिता मोतीसिंह ने करीब 15 बीघा जमीन का बेचान अपने स्‍तर पर कर लिया था। और भी जमीन को वह बेचना चाह रहा था, इसी बात को लेकर उक्‍त दोनो भाईयों के बीच करीब 17 साल से विवाद चल रहा था। कोर्ट में मुकदमेबाजी व वाद भी चल रहे थे। इस बात को लेकर उक्‍त दोनो परिवारों के बीच बार-बार छोटे मोटे विवाद भी हुये। मृतक उदयसिंह व उसके भाई हिरासिंह के कोई औलाद नही थी। बार-बार के लडाई झगडे से परेशान होकर हिरासिंह की पत्नि नाथीबाई ने उदयसिंह को रास्‍ते से हटाने के लिये सबसे पहले अपने मुंह बोले भाई नारू पिता लाला जी भील निवासी नाथा की बस्‍ती बडगांव से उदयसिंह की हत्‍या करने के सन्‍दर्भ में बात की। तो नारू ने कहा कि उक्‍त हत्‍या मैं अकेला नही कर सकता चूंकि नाथी ने नारू को समाज की नजर में अपना भाई बना रखा था पर वास्‍तव में उक्‍त दोनो के बीच में अवैध सम्‍बंध थे व नारू ने नाथी बाई को बताया कि वह उदयसिंह की हत्‍या किशन भील से कहकर करवा लेंवे। जिस पर नाथी बाई ने अपने कथित प्रेमी किशन पिता कुराजी भील निवासी रूपी टांकडी, बडगांव को अपनी इस परेशानी के बारे में बताया साथ ही उनके बीच में उक्‍त काम करने की ऐवज में 2 लाख की सुपारी देना तय हुआ। इस पर किशनसिंह ने अपने मित्र भैरूलाल पिता पेमाराम भील निवासी बडगांव को इसके बारे में बताया भैरूलाल ने अपने मित्र प्रेमसिंह पिता मदनसिंह राजपूत निवासी मेफावतों का वास, समीचा को 2 लाख की सुपारी लेकर हत्‍या करने के लिये राजी किया। इस पर उक्‍त तीनों घटना के दिन रात को करीब 11 बजे भैरूलाल के खेत पर इकट्ठे हुये। वही पर शराब पार्टी की तत्‍पश्‍चात रात के करीब 12-12.30 बजे ये लोग उदयसिंह के खेत पर पहुंचे, जहां पर हिरासिंह व नाथीबाई पहले से ही मौजूद थे। तत्‍पश्‍चात इन सभी ने मिलकर सुनियोजित तरीके से कुल्‍हाडी व लठ से उदयसिंह की हत्‍या कर दी हत्‍या कर शव वहीं खेत पर निर्माणाधीन कुएं में डाल दिया।
ये है मुल्ज्मि
• 1 हिरासिंह पिता मोतीसिंह जाति राजपूत उम्र 62 वर्ष निवासी परमारो की निचली भागल, बडगांव थाना केलवाडा जिला राजसमन्‍द
• 2 श्रीमति नाथीबाई पत्नि हिरासिंह जाति राजपूत उम्र 45 वर्ष निवासी परमारो की निचली भागल, बडगांव थाना केलवाडा जिला राजसमन्‍द
• 3  किशन पिता कुराजी जाति भील उम्र 40 वर्ष निवासी रूपी टांकडी, बडगांव थाना केलवाडा जिला राजसमन्‍द
• 4 प्रेमसिंह पिता मदनसिंह जाति राजपूत उम्र 25 वर्ष निवासी मेफावतो का वास, समीचा थाना केलवाडा जिला राजसमन्‍द
• 5  भैरू पिता पेमाराम जाति भील उम्र 28 वर्ष निवासी बडगांव थाना केलवाडा जिला राजसमन्‍द
• 6  नारू पिता लाला जी जाति भील उम्र 50 वर्ष निवासी नाथा की बस्‍ती बडगांव थाना केलवाडा जिला राजसमन्‍द
पुलिस टीम
अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्‍ता व वृत्‍ताधिकारी वृत्‍त कुम्‍भलगढ नरपतसिंह के निर्देशन में केलवाडा थानाधिकारी  शैतानसिंह नाथावत पु0नि0, बाबूलाल एएसआई, मानसिंह एएसआई, जालमचन्‍द्र हैडकानि 39, कानि राकेश नं 784, कानि सुनील नं 1101, कानि चन्‍द्रशेखर नं 564 व साईबर क्राईम एक्‍सपर्ट श्री पवनसिंह एएसआई व कानि दीपकसिंह नं 92 आदि शामिल थे।