महामहिम राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष ने दी दो बड़ी सौगातें, बिलोता में कन्या महाविद्यालय और नाथद्वारा में श्री गोवर्द्धन राउमावि के नवीन स्कूल भवन का लोकार्पण

सर्वांगीण विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी -राज्यपाल
 
अच्छे स्कूल और अध्यापक ही सफल समाज की धुरी, बालिका शिक्षा सर्वाधिक महत्वपूर्ण -विधानसभा अध्यक्ष
राजसमंद । महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने बुधवार को दो महत्वपूर्ण विकास कार्य जनता को सुपुर्द किए। उन्होंने नाथद्वारा में श्री गोवर्द्धन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के नवीन भवन एवं बिलोता में सुखाडिया विवि के राजकीय कन्या महाविद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। कार्यक्रमों में सहकारिता मंत्री एवं प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना, शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला, सांसद दिया कुमारी और मिराज समूह के अध्यक्ष मदन पालीवाल आदि उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम सुबह नाथद्वारा आते ही राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष ने भगवान श्रीनाथजी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और देश प्रदेश की खुशहाल की कामना की। इस दौरान संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना एवं एसपी सुधीर जोशी सहित अन्य ने उनकी अगवानी की।
श्री गोवर्द्धन राउमावि का शताब्दी वर्ष बना यादगार, मिला नवीन भवन
नाथद्वारा में श्री गोवर्द्धन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को सौ साल पूर्ण होने कर नवीन भवन की सौगात मिली। महामहिम राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, सहकारिता मंत्री और शिक्षा मंत्री ने विद्यालय भवन का लोकार्पण किया। लोकार्पण के पश्चात विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सी पी जोशी ने राज्यपाल को विद्यालय के नवीन भवन का अवलोकन कराया और यहां विद्यार्थियों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। लोकार्पण के पश्चात सभी ऑडिटोरियम पहुंचे जहां बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा: यहां आकर गौरवान्वित हूं
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि श्री गोवर्धन महाराज ने अपने जीवन काल में समाज के लिए कई कार्य किए। 1923 में शिक्षा के प्रसार के लिए इस विद्यालय की स्थापना की जिसने राजनीति, चिकित्सा, प्रशासन, समाजसेवा और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में सफल लोगों को नींव प्रदान की। उन्होंने कहा कि विद्यालय की शताब्दी के अवसर पर यहां उपस्थित होकर वह गौरवान्वित है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए आधुनिक सुविधाएं हैं और अच्छे शिक्षक हैं। उन्होंने बच्चों से अध्ययन और खेलकूद दोनों गतिविधियों को साथ-साथ जारी रख जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय का इतिहास जानकर बहुत खुशी हुई है और इस स्थल की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। उन्होंने नई शिक्षा नीति की मंशा एवं विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्यालय सूरज की तरह रोशनी प्रदान करने वाले स्थल होते हैं। राज्यपाल ने कहा कि जीवन में खेलकूद का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। खेलकूद से ही बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है।
डॉ जोशी ने अपने विद्यार्थी जीवन को किया याद, कहा: इसी स्कूल से मिली आगे बढ़ने की प्रेरणा
विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने अपना उद्बोधन में इस स्कूल में बीते हुए पलों को याद किया। उन्होंने कहा कि वह छठी कक्षा से 11वीं कक्षा तक इसी स्कूल में पढ़े। उन्हें अपने अध्यापकों के नाम आज तक याद है। उन्होंने अपने अध्यापकों देवी सिंह चारण, रघुनाथ, हरगोविंद सहित अन्य का नाम मंच से लेते हुए उन्हें याद करते हुए कहा कि अध्यापकों का उनके जीवन में योगदान महत्वपूर्ण है। डॉ जोशी ने तिलकायत परिवार द्वारा स्कूल के लिए किए गए कार्यों को याद किया। डॉ जोशी ने कहा कि विद्यालयों के भवन सुंदर और सुदृढ़ होने चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहुत जरूरी है और यही एक समाज की नींव है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति अपने जीवन के प्रारंभिक 25 सालों तक अकूट मेहनत सही दिशा में कर लेता है वह अपना पूरा जीवन सुधार लेता है। उन्होंने मोबाइल से बच्चों पर पड़ रहे दुष्प्रभावों का भी जिक्र किया और स्क्रीन टाइम कम करते हुए पढ़ाई एवं खेलकूद में लगने की बात कही।
डॉ जोशी ने की विद्यालय में 50 लाख रुपए की अंग्रेजी लिंग्विस्टिक लैब स्थापित करने की घोषणा
उन्होंने अंग्रेजी की शिक्षा पर जोर दिया और कहा कि आज के युग में तरक्की के लिए अंग्रेजी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसी मौके पर उन्होंने विधायक मद से इस विद्यालय में 50 लाख रुपए की लागत से अंग्रेजी लिंग्विस्टिक लैब स्थापित करने की भी घोषणा की। घोषणा होते ही पूरा ऑडिटोरियम तालिया से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि यहां मौजूद हर बच्चा पढ़ाई करते हुए अपने माता-पिता के आकांक्षाओं को पूरा करें। इस दौरान वे छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए भावुक भी दिखे।
शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि राज्य में आईसीटी क्लासेस को लेकर अभूतपूर्व कार्य हुआ है। 24000 विद्यालयों में आईसीटी क्लास की स्थापना हुई है। उन्होंने डॉ सी पी जोशी द्वारा 50 लख रुपए की लागत से इंग्लिश लेब की घोषणा करने पर आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने डॉ जोशी के आग्रह पर अंग्रेजी साहित्य एवं म्यूजिक की कक्षाएं शुरू करने की भी मंच से घोषणा कीएम। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ जोशी द्वारा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की सराहना की और कहा कि राजसमंद निरंतर नए-नए विकास कार्यों की कहानी लिख रहा है।
इस मौके पर विद्यालय में सहयोग करने वाले भामाशाहों मिराज ग्रुप के चेयरमैन मदन पालीवाल, गंगानगर निवासी श्रीमती बिश्नोई, आईएफएम फाउंडेशन के मोहित, सुदर्शन टेक्सटाइल्स के रामलाल कुमावत, शिक्षक रवींद्र कुमार, चैतन्य दीप उपाध्याय आदि को सम्मानित किया गया।
बिलोता में गर्ल्स कॉलेज के भवन का भव्य लोकार्पण
राज्यपाल  कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने अंत में बिलोता में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस एवं श्रीनाथजी पीठ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विश्वविद्यालय के अधीन निर्मित राजकीय कन्या महाविद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। इसके पश्चात उन्होंने यहां मौजूद छात्राओं को संबोधित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल मिश्र ने कहा कि इस कन्या महाविद्यालय की शुरुआत ना सिर्फ विश्वविद्यालय के लिए बल्कि संपूर्ण नाथद्वारा क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है और मैं आशा करता हूं कि यह कन्या महाविद्यालय पारंपरिक भारतीय ज्ञान का नया केंद्र बनेगा। नारी सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा।
राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान की व्याख्या मौलिक तरीके से हो तो विद्यार्थी उसका समुचित लाभ उठा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय व्यावहारिक शिक्षा के प्रसार का माध्यम बने। केवल पुस्तकीय ज्ञान औपचारिक ज्ञान न होकर समय संदर्भों के लिहाज से ज्ञान का प्रसार भी हो। राज्यपाल मिश्रा ने कहा कि शोध की मौलिक संस्कृति के लिए अभी कार्य किया जाना शेष है, मैं आशा करता हूं कि इस दिशा में विश्वविद्यालय कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि यदि एक बालिका शिक्षित होती है तो वह समाज में संस्कार निर्माण, परिवार निर्माण और सामाजिक सरोकार के साथ ही राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी नेतृत्व क्षमता से अपनी उपस्थिति दर्ज करती है। उन्होंने श्रीनाथजी की महिमा का जिक्र करते हुए आशा व्यक्त की कि इस केंद्र पर वैष्णव संप्रदाय के पारंपरिक महत्व, पिछवाई कला और मोलेला की मृण कला पर भी समय संदर्भित शोध होंगे।
कार्यक्रम के विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा कि आज मैं विश्वविद्यालय के छात्र होने के नाते राज्यपाल और यहां सभी उपस्थित जनों का स्वागत करता हूं। मुझे गर्व है कि मैं इस विश्वविद्यालय का छात्र रहा हूं और यह भी गर्व का विषय है कि विश्वविद्यालय ने अपने एक्ट में बदलाव करके अपनी भौगोलिक सीमाओं को छोड़ते हुए मेरी विधानसभा क्षेत्र में बालिका महाविद्यालय का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि जिस समाज ने बच्चियों की शिक्षा पर ध्यान दिया है वह समाज हमेशा आगे रहता है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि घर की हर बच्ची को स्कूल भेज कर कम से कम दसवीं की शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जाए ताकि वह न सिर्फ परिवार को बल्कि समाज को भी आगे ले जा सके। कोरोनाकाल में हुई ऑनलाइन पढ़ाई की विसंगतियों का जिक्र करते हुए डॉक्टर जोशी ने कहा कि जिन विद्यार्थियों के अभिभावक शिक्षित नहीं थे उनको ऑनलाइन पढ़ाई में उतनी मदद नहीं मिल पाई जितनी शिक्षित माता-पिता वाले विद्यार्थियों को मिली। हमारे लिए यह दो साल शिक्षा की दृष्टि से बहुत चुनौतीपूर्ण रहे। कहा कि बिलोता में कन्या महाविद्यालय की स्थापना के साथ ही यदि यहां हवेली संगीत, नाथद्वारा की पिछवाड़े कला और स्थानीय कला संस्कृति को शोध में स्थान दिया जाएगा तो सुखड़िया विश्वविद्यालय का यह कन्या महाविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि बिलोता में यह कन्या महाविद्यालय विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के प्रयासों से स्थापित हुआ है और अपने क्षेत्र में बालिका शिक्षा के उत्थान के लिए इनका कार्य प्रशंसनीय है। आँजना ने कहा कि मैं इस कन्या महाविद्यालय के शिलान्यास समारोह में भी उपस्थित था और मेरी इच्छा थी कि सुखाड़िया विश्वविद्यालय का विस्तार होकर उनके विधानसभा क्षेत्र निंबाहेड़ा में भी इसका केंद्र स्थापित किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा एवं राज्यपाल कलराज मिश्र से भी आग्रह किया कि उनके विधानसभा क्षेत्र निंबाहेड़ा में यदि यह केंद्र स्थापित होता है तो उनके लिए बेहद गर्व का विषय होगा। नए महाविद्यालय के उद्घाटन पर उन्होंने बालिकाओं को बधाई देते हुए उनके उज़्ज्वल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम में उपस्थित राजसमंद की सांसद दिया कुमारी ने अपने उद्बोधन में बालिका शिक्षा को आज की बेहद महत्वपूर्ण जरूरत बताया और कहा कि बेहद खुशी का अवसर है कि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने अपनी भौगोलिक सीमाओं से परे हटकर राजसमंद जिले में यह कन्या महाविद्यालय स्थापित किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह महाविद्यालय बालिका शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग नाम स्थापित करेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा। महाविद्यालय परिसर के आस-पास के गाँवों की वे बालिकाएँ जो किन्ही कारणों से दूर के महाविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए नहीं जा पा रही थीं उन्हें अब अपने घर के आस-पास इस महाविद्यालय के माध्यम से शिक्षा के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। कुलपति ने कहा कि जल्द ही यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज में हम छात्राओं के लिए मल्टी फैकल्टी स्टडीज के साथ एस.टी.सी. और बी.एड. के पाठ्यक्रम भी शुरू करेंगे। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में नेक-मूल्यांकन की तैयारी जारी है तथा अक्टूबर के अंतिम सप्ताह अथवा नवंबर के प्रथम सप्ताह में कभी भी निर्धारित तिथि पर नैक टीम के द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। हमें पूरा विश्वास है कि विश्वविद्यालय ’ए‘ प्लस ग्रेड प्राप्त करेगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्यपाल के कन्या महाविद्यालय पहुंचने पर तीनों विंग के एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कार्यक्रम के अंत में रजिस्ट्रार विनय पाठक ने आभार प्रदर्शन किया।
इसी वर्ष शुरू किया गया यह कन्या महाविद्यालय विश्वविद्यालय का पांचवा संघटक महाविद्यालय है जहां पहले वर्ष में बीए प्रथम वर्ष में 81 छात्राओं ने प्रवेश लिया है। प्रोफेसर सीआर सुथार इस महाविद्यालय के नोडल अधिकारी हैं जबकि डॉ देवेंद्र सिंह राठौड़ महाविद्यालय के समन्वयक हैं।