श्रीजी मंदिर में अधिक मास के मनोरथ का शुभारंभ, “साहिबान की मंडली” व “केसर फूल बिनत राधा प्यारी” मनोरथ हुए



नाथद्वारा@RajsamandTimes। पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली में अधिक मास के होने वाले श्रीजी प्रभु एवं लाडले लाल प्रभु के मनोरथ क्रम में आज मंगलवार शुक्ल पक्ष एकम के दिवस श्रीजी प्रभु एवं लाडले लाल प्रभु को फूलों की “साहिबान की मंडली” में विराजित कर श्री प्रभु एवं लाडले लाल प्रभु को विशाल बावा ने लाड लड़ाए एवम प्रभु की आरती उतारी।
सांयकालीन भोग आरती के दर्शन में श्री विशाल बावा ने “केसर फूल बिनत राधा प्यारी” भाव से मनोरथ में श्री मदन मोहन लाल प्रभु को कमल चौक में फूलों के हिंडोलने में प्रभु को हिंडोलना झूलाकर लाड लड़ाए एवं श्री नवनीत प्रिय प्रभु को लालन के चबूतरे पर विराजित कर “केसर फूल बिनत राधा प्यारी” भाव के मनोरथ में केसर फूलों के हिंडोले में विराजित कर हिंडोलना झुलाया एवं लाडले लाल प्रभु को लाड लड़ा कर आरती उतारी।
19जुलाई 2023 बुधवार शुक्ल पक्ष दूज को प्रभु के अधिक मास के मनोरथ में श्रीजी प्रभु में राजभोग में “हरी जु के रथ की शोभा” एवं भोग आरती दर्शन में “या गोकुल के चोहटे” एवं श्री लाडले लाल प्रभु में राजभोग में “पल्लव की मंडली” एवं भोग आरती दर्शन में “या गोकुल के चोहटे” के मनोरथ होंगे ।

प्रभु के अधिक मास की सेवा में नाथद्वारा पधारे विशाल बावा, आगामी 12 अगस्त को होने वाले गौशाला के मनोरथ “गायन सो रती गोकुल सो रती” में श्री प्रिया जी के गौशाला मनोरथ में पधारने के मनोरथ का श्री विशाल बावा ने नाथूवास गौशाला का किया सघन निरीक्षण एवं सेवा कर्मियों को दिए निर्देश

पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली में गो.ति.108 इन्द्रदमन महाराज श्री की आज्ञा एवं गो.ची.105 विशाल बावा की प्रेरणा से होने वाले श्रीजी प्रभु एवम् श्री लाडले प्रभु के अधिक मास के मनोरथ की सेवा में वल्लभ कुल युवराज गो.ची. 105  विशाल बावा मंगलवार को प्रातः नाथद्वारा पधारे जहां उनकी अगवानी श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर शास्त्री, सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य, मंदिर मंडल सदस्य समीर चौधरी, तिलकायत श्री के सचिव  लीलाधर पुरोहित, वैष्णव अंजन शाह, समाधानी  उमंग मेहता, पीआरओ एवम् मीडिया प्रभारी  गिरीश व्यास, राजेश्वर त्रिपाठी, मंदिर के पंड्या  परेश नागर, वीरेंद्र गुर्जर, हर्ष सनाढ्य, विजय गुर्जर, भावेश सनाढ्य, कैलाश पालीवाल, खवास कमल सनाढ्य आदि ने की।