राजसमन्द नगर परिषद का 1 अरब 96 करोड़ 31 लाख 65 हजार रुपए का बजट पारित

– साधारण सभा की बैठक में गणगौर मेले व अन्य उत्सवों पर व्यय को भी चर्चा के बाद सदस्यों ने प्रदान की अनुमति
– अनुकंपात्मक नियुक्तियों व स्थायीकरण पर भी चर्चा के बाद पास हुआ प्रस्ताव

राजसमंद। नगर परिषद राजसमंद का वित्तीय वर्ष 2024-25 का 1 अरब 96 करोड़ 31 लाख 65 हजार रुपए का बजट साधारण सभा की मंगलवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके साथ ही बैठक में नगर परिषद की ओर से आयोजित होने वाले आगामी गणगौर महोत्सव सहित अन्य उत्सव और आयोजनों के बजट को भी सदन में चर्चा के बाद सर्वसम्मति से पारित किया गया। वहीं, विकास कार्यों सहित अनुकंपात्मक नियुक्तियों, शहरी रोजगार गांरटी योजना आदि पर भी चर्चा के बाद सर्वसम्मति से निर्णय किए गए।
नगर परिषद की साधारण सभा परिषद के सभागार में प्रात: साढ़े ग्यारह बजे सभापति अशोक टांक की अध्यक्षता में शुरू हुई। विधायक दीप्ति माहेश्वरी के मुख्य आतिथ्य में हुई बैठक में सभापति टांक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्ताव एवं वर्ष 2023-24 का संशोधित बजट सदन के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बताया कि गत वर्ष का बजट एक अरब पिचानवें करोड़ तेईस लाख तियोंत्तर हजार का पारित हुआ था तथा इस बजट में एक करोड़ सात लाख बरानवें हजार की बढ़ोतरी करते हुुए एक अरब छियानवें करोड़ इकत्तीस लाख पैंसठ हजार रुपए का बजट प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस पर बजट प्रस्ताव के एक-एक बिन्दू पर विस्तार से चर्चा के बाद सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पारित किया गया। सभापति टांक ने बताया कि बजट में राजस्व आय के मद पर बोलते हुए बताया कि इसमें राज्य सरकार से मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति राशि में 10 प्रतिशत यानी एक करोड़ 67 लाख 70 हजार ुरुपए की बढ़ोतरी करते हुए कुल 18 करोड़ 44 लाख 65 हजार रुपए प्रस्तावित किया गया है। विकास शुल्क से चालु वर्ष में आय को देखते हुए 5 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। शहर में व्यवस्थित पार्किंग को विकसित करने के उद्देश्य से पार्किंग योगदान के लिए एक करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
सभापति टांक ने बताया कि बाह्य विकास शुल्क के लिए 7 करोड़, रोड कटिंग के लिए 1 करोड़ 50 लाख एवं सिवरेज-डे्रनेज के लिए 6 करोड़ रुपए की आय प्रस्तावित की गई है। इसी तरह कृषि भूमि अंतरण से आय 6 करोड़, व्यवसायिक रूपान्तरण से 2 करोड़ 50 लाख, उपविभाजन से 80 लाख, संपति अंतरण शुल्क से 80 लाख, पट्टा भूमि वार्षिक प्रीमियम से 5 करोड़ 60 लाख, बीएसयूपी फण्ड से 3 करोड़ रुपए, शास्ती1 करोड़ 50 लाख की आय प्रस्तावित की गई है। वहीं, खाद विक्रय से 25 लाख, मृत पशुओं के हड्डी ठेके से 1 लाख, जनता को भूमि विक्रय से 7 करोड़ की आय प्रस्तावित की गई है। निजी निक्षेप खातों से ब्याज के लिए 1 करोड़ तथा बैंक खातों से ब्याज के लिए 50 लाख की आय का प्रावधान रखा गया है। अन्य बकाया राशि पर ब्याज के लिए 1 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। वहीं, पूंजीगत आय में केन्द्र सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए प्राप्त अनुदान के लिए 6 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन के लिए 2 करोड़, 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत प्राप्त अनुदान से 7 करोड़ रुपए की आय का प्रावधान रखा गया है।
राज्य सरकार से इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारन्टी योजना के लिए 6 करोड़, राज्य वित्त आयोग सिफारिशों के तहत प्राप्त अनुदान से 6 करोड,़ डीएमएफटी से प्राप्त अनुदान 15 करोड़ 1 लाख रुपए की आय का प्रावधान रखा गया है। वही,ं आगामी वर्ष में करवाए जाने वाले विकास कार्यो को ध्यान में रखते हुए धरोहर निक्षेप से 2 करोड़, सुरक्षा निक्षेप व एसडी से कुल 6 करोड़ रुपए, वर्षा जल संग्रहण अमानत राशि 20 लाख की आय प्रस्तावित की गई है। इस प्रकार पंूजीगत आय में गत वर्ष के प्रावधान से 4 करोड़ 80 लाख की वृद्धि करते हुए 68 करोड़ 51 लाख 20 हजार रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस प्रकार राजस्व आय में 3 करोड़ 77 लाख 70 हजार की वृद्धि करते हुए 99 करोड़ 69 लाख 25 हजार रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस प्रकार कुल आय 1 अरब 68 करोड़ 20 लाख 45 हजार में पूर्व का शेष 28 करोड़ 11 लाख 20 हजार मिलाते हुए कुल बजट आय 1 अरब 96 करोड़ 31 लाख 65 हजार रुपए प्रस्तावित की गई है।
सभापति टांक ने इसके बाद राजस्व व्यय मदों पर चर्चा कतरे हुए बताया कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों के लिए 21 करोड़ 03 लाख रुपए के व्यय का प्रावधान रखा गया है। पेट्रोल एवं डीजल पर 1 करोड़ 5 लाख, अधोसंरचनात्मक संपत्तियों की मरम्मत एवं रखरखाव पर व्यय सडक़ एवं पुल के लिए 2 करोड़ 20 लाख, नाला-नाली मरम्मत के लिए 2 करोड़ के व्यय का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार सडक़ व नाला-नाली मरम्मत एवं रखरखाव के लिए प्रत्येक वार्ड की आवश्यकता के अनुसार एवं कम से कम प्रति वार्ड 9 लाख 33 हजार रुपए व्यय का प्रावधान रखा गया है।
उन्होंने बताया कि जनसुविधा संपत्तियों की मरम्मत एवं संधारण के तहत बाग नर्सरी एवं उद्यान के लिए 70 लाख, खेल मैदान एवं स्टेडियम के लिए 1 करोड़, पार्किंग स्थल एवं बस स्टेण्ड के लिए 1 करोड़, नौ-चौकी विकास एवं सौन्दर्यकरण के लिए 1 करोड़, ग्रीन क्लीन स्वच्छ सुन्दर राजसमन्द के लिए 4 करोड़ का व्यय प्रस्तावित किया गया है। अन्य परिचालन एवं संधारण के तहत ठोस कचरा निस्तारण के लिए 80 लाख, घर-घर कचरा संग्रहण पर 1 करोड़ 50 लाख रुपए व्यय प्रस्तावित किया गया है।
इसी तरह पूंजीगत व्यय में थाई संपत्तियों उद्यान के लिए 1 करोड़, गोशाला के लिए 1 करोड़, सामुदायिक भवन के लिए 1 करोड़ 60 लाख, कन्क्रीट सडक़ के लिए 6 करोड़, डामर सडक़ पर 6 करोड़ एवं अन्य सडक़ रखरखाव पर 6 करोड़ के व्यय का प्रावधान रखा गया है। इस प्रकार सडक़ निर्माण के लिए प्रति वार्ड 40 लाख रुपए  व्यय का प्रावधान रखा गया है। अन्य सार्वजनिक प्रकाश उपकरण खरीदने पर 4 करोड़, ऑटो टिप्पर के लिए 1 करोड़, के्रेन, जेसीबी, रोड स्वीपर मशीन खरीदने के लिए 1 करोड़ का व्यय प्रस्तावित किया गया है। राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के अन्तर्गत प्राप्त अनुदान से 6 करोड़, दीनदयाल, अन्त्योदय योजना-शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्राप्त अनुदान से 1 करोड़ 50 लाख, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 2 करोड़, डीएमएफटी से प्राप्त राशि से 15 करोड़ 1 लाख रुपए का व्यय प्रस्तावित किया गया है।15 वें वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान से 7 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 6 करोड़ 50 लाख, इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारन्टी योजना के अन्तर्गत 6 करोड़, श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के अन्तर्गत 02 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित किया गया है। इस प्रकार गत वर्ष के राजस्व व्यय प्रावधान में 2 करोड़ 30 लाख की वृद्धि करते हुए 45 करोड़ 29 लाख 63 हजार रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस प्रकार गत वर्ष के पूंजीगत व्यय प्रावधान में 4 करोड़ 50 लाख की वृद्धि करते हुए 1 अरब 11 करोड़ 35 लाख 60 हजार रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस प्रकार कुल व्यय में 01 अरब 56 करोड़ 65 लाख 23 हजार मिलाते हुए अन्तिम शेष 39 करोड़ 66 लाख 42 हजार रुपए जोड़ते हुए 01 अरब 96 करोड़ 31 लाख 65 हजार के व्यय का प्रस्ताव रखा,जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया। इसी तरह आगामी गणगौर महोत्सव के लिए गत वर्ष के 77 लाख रुपए के बजट में भी दस प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। वहीं, इस बार रात्रिकालीन कार्यक्रमों की जगह गणगौर की सवारी पर ज्यादा व्यय को भी सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की।
सफाई कर्मचारियों के 101 पद नए स्वीकृत
सभापति टांक ने बताया कि शहर में सफाई कर्मचारियों के पद जनसंख्या 2011 के अनुसार 299 हैं। जनसंख्या के अनुसार 1000 पर 4 पद सफाई कर्मचारियों के होते हैं। इस तरह वर्ष 2024 में अनुमानित जनसंख्या (1 लाख) के अनुसार सफाई कर्मचारी के पद 400 स्वीकृत किए जाने हैं। पूर्व के पद 299 कम करते हुए 101 नए पदों का प्रावधान किया गया, जिसे सदन ने स्वीकृति प्रदान की। स्टापिंग पैटर्न अनुसार 25 सफाई कर्मचारियों पर एक जमादार होता है। वर्ष 2024 में अनुमानित जनसंख्या (1 लाख) के अनुसार 400 सफाई कर्मचारी को दृष्टिगत रखते हुए 16 जमादार के पदों को भी स्वीकृत प्रदान की गई। इसी तरह पूर्व में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 6 नए पदों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही परिषद में स्वास्थ्य निरीक्षक प्रथम 1, अग्निशमन अधिकारी का 1, सहायक प्रकाश निरीक्षक के भी 1 पद की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में नगर परिषद के उपसभापति चुन्नीलाल पंचोली, आयुक्त आरके मेहता सभी पार्षद और अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद थे।