प्रकृति के चितेरे कवि ने प्रकृति के अंचल में किया काव्य पाठ, पक्षी मित्र साहित्य संगोष्ठी संपन्न

खमनोर@RajsamandTimes। साकेत साहित्य संस्थान के काव्य प्रेमी साहित्यकारों ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भोपा की भागल में पक्षी मित्र साहित्य संगोष्ठी का आयोजन की अध्यक्षता परितोष पालीवाल ने की मुख्य अतिथि नारायणसिंह राव थे और कृष्णगोपाल गुर्जर डॉक्टर मुकेश बडारिया विशिष्ठ अतिथि थे।
प्रकृति के पर्याय उपासक साकेत साहित्यकारों ने चिड़ियों की चहचहाट कोयल की कुहुक गौरेया की गुनगुनाहट के संग अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
पक्षी मित्र साहित्य संगोष्ठी का आगाज राधेश्याम राणा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ।
काव्य रचनाओं की धारा में नारायणसिंह राव ने “पान मरोड़या रस पिया सुख पायो इण डाल”, बख्तावर सिंह ‘प्रीतम’ ने “पर्यावरण सुरक्षा को लेकर हो जाओ तैयार”, कमलेश जोशी ने “सबके अपने-अपने किस्से, अपना किस्सा क्या बताऊं’, राधेश्याम राणा ने ” पंछीडा रे लाल लीला कमल लीलाधर की” , भाविका बडारिया ने “सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो” , परितोष पालीवाल ने “मुरलीधर यूं मुस्का के चले हो, ये प्रीत की रीत निभाओगे कैसे?”, डॉ.मुकेश बडारिया ने कोरोना पर कविता “हक से निमंत्रण आज मेरे दर पे आया है “, कमलेश गोस्वामी ने “भरण्य-भाव से बह रही हो, मंद-मंद सी तुम”, रतन सिंह चौहान ने “करणो है मतदान मिनाखा”, रामगोपाल आचार्य ने “त्याग, तपस्या हो भाई भारत सी” और गोविंद सिंह चौहान ने ” कचकड़ो जीव रो बैरी, मेरे बसंत” आदि काव्य प्रस्तुतियां प्रस्तुत हुई। इस कार्यक्रम में जितेंद्र डाबला, राजेश बडारिया, नरेंद्र कुमार जटिया, दिनेश नरवारा, हनुमान प्रसाद, हिमेश गुर्जर और कनिष्का बडारिया उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन गोविंद सिंह चौहान ने किया।