अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह रोकथाम की प्रभावी कार्यवाही हेतु टास्क फोर्स के साथ ऑनलाईन बैठक आयोजित

राजसमंद। माननीय सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर तथा गिरीश कुमार शर्मा अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद के निर्देशानुसार श्री मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमन्द की अध्यक्षता में सिस्को वैबेक्स एप्लीकेशन के माध्यम से बाल विवाह रोकथाम हेतु गठित टास्क फोर्स के साथ  को प्रातः 11ः00 बजे ऑनलाईन बैठक एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
श्री मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमन्द ने बताया कि वर्तमान में बाल विवाह निषेध अभियान ’’बाल विवाह को कहे ना’’ का संचालन किया जा रहा है। दिनांक 14.05.2021 को अक्षय तृतीया का अवसर है जिस कारण इस क्षेत्र में बाल विवाह होने की प्रबल संभावना रहती है।
हालांकी वर्तमान में कोरोना महामारी के मध्यनजर विवाह इत्यादि कार्यक्रमों पर पूर्णत प्रतिबंध हैं फिर भी लोग चोरी -छिपे बाल विवाह करवा सकते है।  इस हेतु टास्क फोर्स को पूर्ण सर्तकता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होने पीएलवी के साथ आयोजित ऑनलाईन बैठक में बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरूति है जिसका मुख्य कारण अशिक्षा है। इस कुरूति का उन्मूलन हेतु शिक्षा एवं जागरूकता की आवश्यकता हैं। बाल विवाह रोकथाम हेतु बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 बनाया गया है। जिसके तहत 21 वर्ष से कम बालक एवं 18 वर्ष से कम बालिका का विवाह करवाना बाल विवाह की श्रेणी में आता है जो एक कानूनी अपराध है। बाल विवाह करवाने वाले माता-पिता, रिशतेदार एवं बाल विवाह में सहयोग करने वाले पंडित, हलवाई, बैडबाजा वाले, टेैन्ट वाला इत्यादि भी अपराध के भागीदार होंते है। जिसमें 2 वर्ष तक की कठोर करावास एवं 1 लाख रूपये तक का आर्थिक दण्ड से दण्डित किया जा सकता है। उन्होने बताया कि बाल विवाह होने की सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाती है।
उन्होने बताया कि पीएलवी अपने-अपने पंचायत समिति क्षेत्रों में राजकीय कार्यालयों तथा स्थापित किये गये वैक्सीनेशन सेन्टर एवं आम चौराहों पर बाल विवाह एवं कोरोना जागरूकता पोस्टर पेम्पलेट्स चस्पा करेंगे, आमजन को अधिकाधिक टीकाकरण करवाने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही आमजन को बाल विवाह प्रतिषेध अभियान के तहत बाल विवाह नही करने ना ही बाल विवाह में शामिल होने बाबत् प्रेरित करेंगे व विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप एवं अन्य सोसियल मिडिया के माध्यम से डिजीटल प्लेटफोर्म पर वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित करेंगे। बाल विवाह होने की सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हेल्पलाईन नम्बर 8306002135 व प्रत्येक उपखण्ड स्तर के कन्ट्रोल रूम की हेल्प लाईन नम्बर राजसमन्द 220103, रेलमगरा 267900, नाथद्वारा 231855, कुंभलगढ 242436, आमेट 250148, भीम 250229, देवगढ 253061 पर दे सकते है।
साथ ही श्री वैष्णव ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण सशक्तिकरण, क्षैक्षिक सशक्तिकरण, सुरक्षा और संरक्षण सशक्तिकरण एवम् सरंक्षण सशक्तिकरण एवं आर्थिक सशक्तिकरण को दृष्टिगत रखते हुये वर्चुअल माध्यम से विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जावेंगे साथ ही उन्होंने व्यवसायिक यौन शोषण के पीडितों के सबंध नालसा योजना 2015, आदिवासियों के अधिकार एवं कल्याण हेतु नालसा योजना 2015, मानसिक  विमंदित के उपचार एवं कल्याण हेतु नालसा योजना 2015, आपदा पीडितों के विधिक सहायता योजना 2010 के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।