हरी गणगौर पर श्रीजी प्रभु की हवेली में बाल स्वरूपों को धराया हरे वस्त्रों का अनूठा श्रृंगार, श्रीजी नगर में निकली हरी गणगौर की शोभायात्रा

नाथद्वारा @RajsamandTimes | पुष्टि मार्गीय प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में शुक्रवार को हरी गणगौर उत्साह के साथ मनाई गई ।हरी गणगौर पर श्रीनाथजी प्रभु सहित बाल स्वरूपों को हरे रंग के वस्त्रों का अनूठा शृंगार अंगीकार कराकर राग व भोग सेवा के लाड़ लड़ाए गए। श्रीजी को पंचरंगी लहरिया का सूथन, चोली तथा खुलेबंद के चाकदार वागा धराये गए।सभी वस्त्र रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित किए गए। ठाड़े वस्त्र सफ़ेद डोरिया के धराये गए।

प्रभु को छोटा कमर तकहल्का श्रृंगार धराया गया। पन्ना के सर्व आभरण धराये गए। श्रीमस्तक पर पंचरंगी लहरिया की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, पन्ना की सीधी चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये गए।श्रीकर्ण में पन्ना के दो जोड़ी कर्णफूल धराये गए। श्रीकंठ में त्रवल के स्थान पर पन्ना का कंठा धराया गया।गुलाबी एवं पीले पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी गई।श्रीहस्त में पुष्पछड़ी, लहरिया के वेणुजी एवं दो वेत्रजी (एक स्वर्ण का) धराये और पट हरा व गोटी लहरिया से सुसज्जित की गई।

श्रीनाथजी नगरी में हरी गणगौर बड़ी धूमधाम से मनाई गई। श्रीजी में भोग आरती दर्शन समय मंदिर और बाजारों में महिलाए ,बच्चे सभी इस उत्सव पर हरे वस्त्रों में नजर आए। वही मंदिर की परम्परागत सवारी में भी सेवा वाले सेवादार हरे रंगे के साफे और हरी रंग की इकलाई धारण कर सवारी में सम्मलित हुए। हरी गणगौर की सवारी शाही लवाजमे और मंदिर के श्रीनाथ बैंड की मधुर धुनों पर ठाठ-बाठ से निकाली गई। सवारी देखने के लिए शहरवासियों की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरे मार्ग हरा भरा रहा ।

नगर के श्रीनाथजी मंदिर से सायंकाल भोग आरती की झांकी के दर्शनों के समय नक्कारखाना से ईशर-गणगौर व सुखपाल में ठाकुरजी की पिछवाई के साथ श्रीनाथ बैंड के जवान सिर पर हरे रंग के साफे पहन पारंपरिक धुन बजाते हुए चल रहे थे, जिनके पीछे गोविंद पलटन के जवान कदमताल के साथ चल रहे थे वहीं, इनके पीछे नगर के लोग चले । रसाला चोक से सभी सवारी की झाकियां निकली और मंदिर से निकली ईशर-गणगौर व सुखपाल के साथ समलित हुई। श्रृंगारित गणगौर सुखपाल में बिराजित सवारी गणगौर घाट के लिए रवाना हुई। जिसमे आगे ऊट पर बैठे कर नगाड़े बचाते हुए चले ,पीछे पीछे सजे धजे घोड़े और अनेक सुन्दर झाकियां थी।हरी गणगौर की सवारी बैंडबाजों पर लोकगीतों व भक्ति संगीत वातावरण के साथ गणगौर घाट पर पहुंची । वहा इस अवसर पर विशाल मेले का आयोजन हुआ। मेले में बच्चो के लिए डोलर ,चकरी, और कई तरह के चटपटे व्यजनों के स्टाल लगाए गए।
इस मेले में नगर वासी, आसपास के ग्रामिणो सहित श्रीजी नगरी में आए हुए वैष्णव जन ने भी खूब लुप्त उठाया।