बाल संरक्षण के लिए समन्वय के साथ कार्य संपादित करें-अति. जिला कलक्टर कोठारी

जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक सम्पन्न

    राजसमन्द । अतिरिक्त जिला कलक्टर कुशल कुमार कोठारी की अध्यक्षता मेें बुधवार को जिला कलक्टर कार्यालय के सभागार में जिला बाल संरक्षण ईकाई की एक बैठक का आयोजन किया गया।

    अतिरिक्त जिला कलक्टर कुशल कुमार कोठारी ने बाल संरक्षण के लिए सभी हितधारकों, विभागों एवं बाल कल्याण समिति को बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने को निर्देशित किया।      बैठक में जिले में संचालित बाल देखरेख संस्थाओं जिसमें राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह, राजकीय शिशु गृह एवं गैर राजकीय बालिका गृह के संचालन के संबंध में जानकारी दी गई।

    अतिरिक्त जिला कलक्टर ने विकास अधिकारी कुम्भलगढ़ व देवगढ़ को शीघ्र ही समितियों का गठन करवाकर नियमित बैठक कराने के लिए निर्देशित किया एवं पोक्सों प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा करते हुए क्राइम असिस्टेन्ट को चालान से शेष रहे प्रकरणों मेें शीघ्र चालान पेश कर कार्यवाही करने को कहा। इस अवसर पर देलवाड़ा पंचायत समिति ने मीटिंग के दौरान ही देलवाड़ा पंचायत समिति की बीएलसीपीसी एवं पंचायत समिति की समस्त 16 ग्राम पंचायतों की वीएलसीपीसी के गठन होने की सूचना दी।

    सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग कृष्ण कान्त सांखला ने बताया कि कुभंलगढ़, देवगढ़ व देलवाड़ा पंचायत समितियों की ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति तथा ग्राम पंचायत समितियों के बारे में चर्चा की गई।

    बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने समिति के समक्ष प्रस्तुत प्रकरणों, निस्तारित प्रकरणों एवं लम्बित रहे प्रकरणों के बारे मेें बताया एवं जिले में मानसिक विमंदित बच्चों के लिए जिला स्तर पर मानसिक बाल गृह खोलने के लिए  निवेदन किया।

    जिला समन्वयक मरूधरसिंह ने जतन संस्थान द्वारा संचालित चाइल्डलाइन द्वारा पिछले त्रैमास में किए गए कार्यों के बारें में बताया कि अक्षय तृतीया के मौके पर इस बार पुलिस, बाल आधिकारिता विभाग एवं बाल कल्याण समिति के सहयोग एवं सहभागिता के प्रकरणों में टीम द्वारा बाल विवाह रूकवाकर माता-पिता एवं रिश्तेदारों को पाबंद किया गया। विभिन्न प्रकरणों में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा निषेघाज्ञा भी जारी करवायी गयी। चाइल्ड लाइन द्वारा बच्चों के लिए हेल्पलाइन नम्बर 1098 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है। इसके लिए सभी सरकारी विद्यालयों में 1098 नं. व चाइल्डलाइन लोेेेगेा प्रदर्शित किया गया है। सभी निजी विद्यालयों में भी चाइल्डलाइन लोगो व 1098 का प्रदर्शन किये जाने की कार्य योजना बताई।

    उन्होंने बताया कि रोड़वेज बसों पर भी यह लोगो व 1098 का प्रदर्शन किया जाने से इसका व्यापक प्रचार प्रसार होगा एवं इसकी जानकारी काफी अधिक लोगो तक पहुंच पाएगी ं

    जिला श्रम कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि 14 वर्ष के कम उम्र के बालक से किसी भी प्रकार का एवं 14 वर्ष से 18 वर्ष के बालक से हजार्डस (खतरनाक) श्रेणी का कार्य करवाना या श्रम करवाया जाना बाल श्रम की श्रोणी में आता हैै जोकि कानून अपराध है एवं इसमें नियोक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है। डिस्टि्रक लेवल टास्क फोर्स के पुर्नगठन की जानकारी दी। बाल श्रम के बारे में जानकारी देते हुए गोवर्धन सिंह भाटी प्रभारी मानव तस्करी निरोधी ईकाइ ने बताया कि पिछले त्रैमास में 7 प्रकरण दर्ज किए गए है एवं सभी में एफआईआर दर्ज कर मुकदमा बनाया गया है।

    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बाल गृह में विभाग द्धारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं के बारे में बताया कि गृह में बाल रोग,चर्म रोेग, एवं महिला रोग विशेषज्ञ नियमित विजिट करते है।