विकसित राज्यों जैसा सड़क नेटवर्क बनाने के लिए प्रगतिशील सोच से काम करना होगा, सड़कें किसी भी प्रदेश के विकास की पहली इंडिकेटर होती हैं : उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी

सड़क विकास के वित्तीय मॉडल-आईआईएफसीएल की कार्यशाला आयोजित

जयपुर। सड़कें किसी भी प्रदेश के विकास कि पहली सूचक होती हैं। जब कोई व्यक्ति बाहर से आता है तो किसी प्रदेश कि सड़कों को देख कर ही उस राज्य के विकास की छाप अपने मन में बनाता है। प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक, औधोगिक विकास के लिए अच्छी सड़कें पहली आवश्यकता होती है। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने सोमवार को निर्माण भवन में सड़क आधारभूत विकास के लिए वित्तीय मॉडल्स् विषय पर आईआईएफसीएल प्रोजेक्ट्स (इंड़ियन इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसियल कंपनी लिमिटेड प्रोजेक्ट्स) एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग (राजस्थान स्टेट हाईवे आथारिटी) की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्थिक, औधोगिक, पर्यटन आदि के विकास कि बहुत सम्भावनाएं है जिसके लिए अच्छी सड़कें सबसे जरूरी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब डबल इंजन सरकार काम कर रही है। हम प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता की सड़को के तेजी से विकास के लिए आईआईएफसीएल प्रोजेक्टस के साथ मिलकर उसी गति से काम करेंगे जैसे केन्द्र सरकार देश के विकास के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को विकसित राजस्थान बनाने के लिए हमे सोच में बदलाव लाकर पारम्परिक सोच से आगे बढकर काम करना होगा, तभी हम राजस्थान के सड़क नेटवर्क को तमिलनाडू, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों जैसा या उससे मजबूत कर पायेंगे। उन्होने कहा कि यह वर्कशाप प्रदेश में सड़क विकास मे वित्त कि व्यवस्था के लिहाज से बहुत सार्थक साबित होगी। उन्होने कहा कि राजस्थान सरकार एनएचएआई की तरह आरएसएचए को एक प्रमुख फाइनेंसर और राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के रूप में विकसित करने के लिए तत्पर है और अपने जनादेश को पूरा करने में मदद के लिए आईआईएफसीएल प्रोजेक्टस के साथ मजबूती से काम करेगी।

गौरतलब है कि आईआईएफसीएल, भारत सरकार का उपक्रम है जो भारत में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा वित्तपोषण संस्थान है और इसने लगभग 30 हजार किलोमीटर या भारत की राष्ट्रीय राजमार्ग क्षमता का 21 प्रतिशत वित्त पोषित किया है और भारत में एचएएम सड़क परियोजनाओं के लिए सबसे बड़ा ऋणदाता है। वर्कशाप में सड़क विकास के प्रमुख फाईनेशियल मॉडल्स जैसे ग्रीन फाईनेंस, पीपीपी, हाईब्रिड एन्युटि मॉडल (एचएएम) एवम एसेट मोनेटाईजेसन के सम्बंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

वर्कशाप को अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग संदीप वर्मा, एमडी आईआईएफसीएल एंड चेयरमैन आईआईएफसीएल प्रोजैक्ट्स पी आर जयशंकर, डीएमडी आईआईएफसीएल आईआरएस पवन कुमार, सीईओ आईआईएफसीएल प्रोजैक्ट्स पलाश श्रीवास्तव आदि ने सम्बोधित किया। वर्कशाप में पीडब्ल्यूडी, आरएसआरडीसी एवम् आरएसएचए के आला अधिकारी मौजूद रहे।