टी.बी कभी भी, किसी को भी हो सकती है, इसलिये जागरूकता जरूरी – डॉ हेमन्त बिन्दल जिला क्षय रोग अधिकारी

जिला स्वास्थ्य समिति के साथ ही टी.बी मल्टी सेक्टर्स बैठक सम्पन्न

राजसमंद@RajsamandTimes। आगामी वर्ष 2025 तक टी.बी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये के लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभागो, गैर सरकारी संस्थाओं, औद्योगिक ईकाईयों, शिक्षण संस्थान एवं समुदाय जब तक मिल कर कार्य नही करेंगे, लक्ष्य प्राप्त नही होगा। टी.बी कभी भी, किसी को भी हो सकती है इसके लिये आमजन में जागरूकता के लिये सभी का सहयोग आवश्यक है। यह अपील जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ हेमन्त बिन्दल ने जिला स्वास्थ्य समिति के साथ टी.बी मल्टी सेक्टर्स बैठक में की।

उन्होंने कहा की माईक्रो बैक्टीरियम टयूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से शरीर में टीबी की बीमारी की शुरूआत होती है यह बैक्टीरिया टीबी संक्रमित मरीज के खांसने, छींकने और बात करते समय निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को संक्रमित कर देते है। हवा के माध्यम से संचारित होने होने के कारण यह एक तेजी से फैलने वाली बिमारी है जिसका समय पर उपचार शुरू नही करवाया जाया तो घातक हो सकती है।
उन्होंने बताया की टीबी के लक्षण को आसानी से पहचाना जा सकता है जैसे दो हफ्ते से ज्यादा की खांसी, दो हफ्ते से ज्यादा का बुखार, तेजी से वजन कम होना, भुख में कमी आना, खांसते समय बलगम के साथ खुन आना, संास लेने में तकलीफ, लक्षण दिखने लगे तो तुरंत नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर जाकर टी.बी की जांच करवानी चाहीयें। उन्होेंने बताया की टी.बी केवल फेफड़ो की ही नही होती बल्की केवल शरीर के बाल व नाखुन को छोड़कर प्रत्येक अंग की हो सकती है। एक अनुपचारित टीबी मरीज एक साल में ही 10 से 15 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है, इसलिये जरूरी है की टी.बी मरीज की जल्दी से पहचान करें तथा शीघ्र उपचार शुरू करें।
टी.बी का उपचार पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध है तथा उपचार के तहत गुणवत्तापूर्ण दवाईयां दी जा रही है जिसकी एक खुराक लेने पर ही 24 से 48 घण्टे में शरीर के 90 प्रतिशत टी.बी के बैक्टीरिया खत्म हो जाते है। बस जरूरी है हमे इसकी जानकारी आमजन तक पहुंचाने की।
उन्होंने कहा की टी.बी उन्मुलन में हमे जनभागीदारी बढ़ानी है जिससे 2025 तक टी.बी का उन्मुलन किया जा सके। बैठक में स्टेट टेक्निकल सपोर्ट टीम से आई संघमित्रा ने बताया की टी.बी मरीजो के साथ संवेदना के साथ सहयोग करना तथा वर्क प्लेस को टी.बी फ्री करने के लिय सभी को मिलकर कार्य करना होगा।

चिरंजीवी रजिस्ट्रेशन की प्रतिदिन मोनिटरिंग करे………………………..
सीएमएचओ डॉ प्रकाश चन्द्र शर्मा ने सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को निर्देशित किया की मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के रजिस्ट्रेशन की समीक्षा करें तथा कम उपलब्धी वाले गांव की स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा से नियमित संवाद करे तथा कम रहने के कारणो की भी समीक्षा करें। उन्होंने कहा की हम सभी इस महत्वपूर्ण योजना को आमजन तक पहुंचाने के लिये प्रतिबद्ध है इसलिये इसमें किसी प्रकार की कौताही नही बरते।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के विभागीय जिला नोडल अधिकारी डॉ ताराचंद गुप्ता ने जिले के 400 से अधिक शिक्षण संस्थानो मंे आयोजित होने वाले चिरंजीवी संवाद को लेकर की गई तैयारीयों के बारे में चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों से फिड बैक लिया तथा कॉलेजो एवं स्कूलो में गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रमो के आयोजन के लिये निर्देशित किया।
बैठक में डिप्टी सीएमएचओ डॉ जिनेश सैनी ने मौसमी बिमारीयों की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण के लिये विभागीय सोफ्टवेयर पर अद्यतन सुचनाओं के इन्द्राज के लिये निर्देशित किया तथा गैर संचारी रोगो की रोकथाम के लिये 30 वर्ष से अधिक की उम्र के सभी लोगो स्क्रीनिंग करें, तथा सूचना पोर्टल पर दर्ज करावें।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर रामचरण शर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ ललित पुरोहित सहित सभी चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष दाधीच, जिला कार्यक्रम समन्वयक चिरंजीवी डॉ रजनीकांत शर्मा, गैर सरकार संस्थानो के पदाधिकारी उपस्थित थे।