राजसमंद। विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल – डीजल पर उत्पाद शुल्क में 9.55 एवं 7.20 रुपए प्रति लीटर की कमी करने को जनसाधारण के लिए अत्यंत राहत का कदम बताया और कहा कि राज्य सरकार भी इन पदार्थों पर मूल्य वर्धित कर की दरें कम करें। राजस्थान में अभी सभी पड़ोसी राज्यों से मूल्य वर्धित कर की दरें अधिक है और इस कारण राजस्थान में पेट्रोल एवं डीजल की मूल्य सबसे अधिक है।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने पेट्रोल डीजल पर मूल्य वर्धित कर के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा भ्रामक ट्विटर संदेश की निंदा करते हुए कहा कि जब किसी भी वस्तु का आधार मूल्य कम होता है, तो उस पर मूल्य वर्धित कर अपने आप कम हो जाता है। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। क्योंकि यह कर व्यवस्था मूल्य आधारित है। मुख्यमंत्री केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाकर मूल्य घटाने के कदम का झूठा श्रेय नहीं ले। जनता को राहत देने के लिए कम से कम वे अपने चुनाव घोषणापत्र का तो सम्मान करें और पेट्रोल डीजल पर मूल्य वर्धित कर में 10% की कमी करें। तभी जनता को ₹10 लीटर की अतिरिक्त राहत मिलेगी।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान में पड़ोसी राज्यों से पेट्रोल डीजल महंगा होने के कारण यहां का व्यवसाय अन्य राज्यों में जा रहा है, और यहां नए उद्योग धंधे नहीं आ रहे हैं। इस कारण राजस्थान बेरोजगारी देश में सबसे अधिक है। मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि बहुत अधिक बेरोजगारी के कारण राजस्थान में अपराध बढ़ रहे हैं, माफिया पनप रहे हैं। आज राजस्थान में 35 लाख से अधिक युवा बेरोजगार हैं। बेरोजगारों की कुल संख्या 60 लाख से अधिक है। सभी बेरोजगारों को नौकरी देने में मुख्यमंत्री ने अपनी असमर्थता व्यक्त की है। इसीलिए अब उद्योग, व्यवसाय एवं सेवा क्षेत्र में नया निवेश आकर्षित करके रोजगार सृजन करना ही एकमात्र विकल्प बचा है। किंतु राजस्थान सरकार का नए रोजगार सृजित करने की तरफ कोई ध्यान ही नहीं है। राजस्थान सरकार की नीतियां युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बना रही है।