हमारे नकारात्मक विचार ही बीमारी का कारण होता है और उसका दोष हम औरों पर देते हैं – मुनि अतुल


“नववर्ष पर वृहद मंगलपाठ” का आयोजन

राजसमन्द@RajsamandTimes। आचार्य श्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार  धोइंदा सोहनलाल कच्छारा के निवास स्थान पर विराज रहे हैं। यहां मुनिदय के सानिध्य में नववर्ष के उपलक्ष्य में बृहद मंगल पाठ का आयोजन हुआ। मुनि अतुल कुमार ने परिषद को संबोधित करते हुए कहा अगर आपके मन में किसी के लिए बुरे विचार आते हैं तो सामने वाले का अहित हो या ना हो परंतु आपका अंतःकरण जरूर मलिन हो जाएगा। फलस्वरुप मन में अशांति उत्पन्न होगी, जो सब दुखों का कारण है। यदि आपके मन में किसी के प्रति ईर्ष्या होती है तो उसके प्रति अच्छा सोचें और प्रार्थना करें ताकि ईर्ष्या मिट जाए। किसी के बुरा चाहने से आपका कभी भी बुरा नहीं होता। व्यर्थ के संकल्प ना करें। व्यर्थ के संकल्पों से बचने के लिए कोई भी एक पवित्र मंत्र का जप करें। मंत्र के प्रभाव से फालतू संकल्प विकल्पों की भीड़ कम हो जाती है। दिमाग में उच्चकोटि के विचार रखने से सारे अमंगल भी मंगल में बदल जाते हैं। रोग का कारण हमारा स्वयं का मन है। जब भी कोई रोग हो जाता है तो उसका दोष हम औरों पर देते हैं जबकि हमारे नकारात्मक विचार ही बीमारी के कारण होते हैं।सोच यां विचार ईश्वर का वरदान है ।इसके सही उपयोग से अद्भुत शक्तियां पाई जा सकती हैं। विचार से भाग्य को भी बदला जा सकता है और जीवन की तमाम समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं। विचार स्वयं पर और दूसरों पर धीरे-धीरे बहुत गहरा असर डालते हैं। विचार से लाभ या हानि कैसे होती है ? लगातार किसी व्यक्ति, वस्तु या घटना के बारे में विचार करने से वह मूर्त रूप लेने लगती है ।अगर विचार नकारात्मक हों तो अशुभ होने की संभावना बढ़ जाती है। इस नकारात्मक विचार से प्रकृति में अशुभ परिवर्तन होने आरंभ हो जाते हैं। अगर विचार शुभ हों तो प्रकृति शुभ परिवर्तन करती है और चीजें आपके पक्ष में घटनी शुरू हो जाती हैं। अच्छे विचार संचित करने से आपका मंगल होता है। मुनि  रविंद्र कुमार ने वृहद मंगल पाठ सुनाया। मुनि अतुल कुमार ने भक्तामर, उपसर्गहर स्तोत्र एवं आध्यात्मिक मंत्रोच्चारण करवाए। इस दौरान धोइंदा, राजनगर, कांकरोली से लोग उपस्थित रहे।