वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन 2023 के सहयोग में हिन्दुस्तान जिंक के 7 हजार से अधिक कर्मचारी प्रतिभागी

रन फोर जीरो हंगर के लिये 13 लाख से अधिक बच्चों को भोजन उपलब्ध होगा

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राजसमन्द। वेदांता समूह की कंपनी और जस्ता, सीसा और चांदी की देश की सबसे बडी और एकमात्र एकीकृत उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक  के कर्मचारियों ने 15 अक्टूबर, को होने वाले वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन के लिये अपनी सहभागिता की। रन फाॅर जीरो हंगर अभियान के तहत् 10 लाख से अधिक बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प के तहत् प्रीरन का आयोजन हिन्दुस्तान जिंक की संचालन इकाईयों में किया गया। इस प्री-रन में 7 हजार से अधिक लोगों ने भाग लेकर 13 लाख किमी दौड़कर 13 लाख़ से अधिक बच्चों को भोजन का योगदान दिया। समुदाय को पुनः लौटाने  के कंपनी के सिद्धांत के अनुरूप, इस मैराथन में हिंदुस्तान जिंक ने नंदघर परियोजना के बाल कुपोषण को खत्म करने के लक्ष्य को बढ़ाने के लिए अपनी महती भूमिका निभायी।

इस अवसर पर हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि “जिंक परिवार ने जीरो हंगर के पुनीत अभियान में सहभागिता कर वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन से पूर्व आयोजित प्री रन में 13 लाख लोगो को भोजन उपलब्ध कराने में योगदान दिया है। बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आगे आना और अपना योगदान देना अनिवार्य है। यह अनूठा अभियान वेदांता और चेयरमैन अनिल अग्रवाल के सिद्धांतो के अनूरूप है और समुदायों की एक साथ आने की भावना का प्रतीक है। ”

वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन में ऑन ग्राउंड रेस में इसके प्रतिभागियों द्वारा चलाए जा रहे प्रत्येक किलोमीटर के लिए, फ्लैगशिप सीएसआर परियोजना नंदघर के बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा।

नंद घर वेदांता की प्रमुख आंगनवाड़ी परियोजना है जिसका उद्देश्य बाल कुपोषण को मिटाना, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना और कौशल विकास के साथ महिलाओं को सशक्त बनाना है। नंद घर पहल की सहायता के लिए, 3145 खुशी आंगनवाड़ियों में से 314 केंद्रों को शिक्षा केंद्र बनाया गया है। इस सीएसआर पहल ने देश भर में 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को लाभान्वित किया है।

रन फाॅर जीरो हंगर में हिन्दुस्तान जिंक कर्मचारियों के साथ ही शिक्षा संबल के छात्रों, जिंक कौशल प्रशिक्षुओं, सखी महिलाओं और जिंक फुटबॉल अकादमी के खिलाड़ियों सहित समुदाय के लाभार्थियों एनजीओ पार्टनर और सीएसआर समन्वयकों ने भी प्री-रन में भाग लिया।