जिले में अब तक सर्वाधिक 5860 से अधिक प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारित, जारी किए 4 करोड़ 50 लाख से अधिक राशि के अवार्ड

राजसमंद। शनिवार 14 मई को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अब तक के सर्वाधिक 5860 से अधिक प्रकरणों का निस्तारण कर 4 करोड़ 50 लाख से अधिक रूपये राशि के अवार्ड जारी किए है।
मनीष कुमार वैष्णव अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश (सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद) ने बताया कि अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनंत भंडारी एवं सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 14 मई 2022 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 16 बैंच गठित कर 12434 प्रकरणों का राजीनामा से निस्तारण हेतु रैफर किये गये थे, जिनमें से कुल 5860 से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया व 4 करोड़ 50 लाख से अधिक .राशि की अवार्ड जारी किए गए है। इस सफलता पर अंनत भंडारी,अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने समस्त न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों व अधिवक्ताओं को शुभकामनायें भेंट की। राष्ट्रीय लोक अदालत का शुंभारंभ जिला मुख्यालय पर अनंत भंडारी, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सरस्वती मां के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सुनील कुमार पंचोली, न्यायाधीश मोटर दुर्घटना एवं दावा अधिकरण, जितेन्द्र गोयल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीमती ऋचा चायल, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती चेताली सोलंकी, न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीमती मीनाक्षी चौधरी, न्यायिक मजिस्ट्रेट, एन.आई. एक्ट कोर्ट उपस्थित रहे।
वैष्णव ने बताया कि आमजन को सस्ता, शीघ्र व सुलभ न्याय दिलाने हेतु जनजागरूकता रैली, मास एस.एम.एस., ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर प्रीकाउंसलिंग बैच का गठन कर प्रीकाउसंलिग सहित अन्य माध्यम से प्रचार प्रसार किया गया जिसके परिणामस्वरूप बैंकों, बीमा कंपनीयों , राजकीय विभागों एवं अधिवक्तागणों ने अपने निजी हितों को त्यागकर बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया व उन्होंने न्यायालय में लंबित को प्रकरणों राजीनामा से फैसल करवाया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 4200 से अधिक प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का भी ऑनलाइन/ऑफलाइन माध्यम से निस्तारण किया गया।

इस प्रकार न केवल न्यायालय में लंबित प्रकरणों की संख्या कम हुई वरन् भविष्य में न्यायालय में पेश होने वाले प्रकरणों को पेश करने की भी आवश्यकता नहीं रही। लोक अदालत के उपरांत पक्षकार खुशी-खुशी अपने घर लौटे। इसलिए कहते है कि लोक अदालत में ’’ना किसी की हार होती है ना ही किसी जीत’’। वैष्णव ने अंत में सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, विभागों का इस राष्ट्रीय लोक अदालत को अब तक की सफलतम लोक अदालत बनाने हेतु आभार व्यक्त किया।

नाथद्वारा।राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार द्वितीय शनिवार 14 मई को नाथद्वारा मुख्यालय पर नाथूवास स्थित न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत में शमनीय दाण्डिक अपराध, अन्तर्गत धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम, धन वसुली के प्रकरण, पारिवारिक विवाद (तलाक को छोड़कर), एम.ए.सी.टी. प्रकरण, राजस्व प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधित विवाद अन्य सिविल मामलें (जिनमें ओ.डी.आर. से निस्तारण संभव हो) आदि से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया गया।
इस लोक अदालत में नाथद्वारा मुख्यालय पर अपर जिला एवं सेशन
न्यायालय नाथद्वारा हेतु बैंच का गठन किया गया जिसमें अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश नाथद्वारा लक्ष्मीकांत वैष्णव को अध्यक्ष तथा अधिवक्ता कमलेश अजमेरा को सदस्य नियुक्त किया गया। सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा, वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा,अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, नाथद्वारा न्यायालय एवं राजस्व प्रकरणों के निस्तारण के लिए न्यायिक अधिकारी पद हेतु सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा परिणय जोशी को तथा तहसीलदार नाथद्वारा कपिल उपाध्याय को सदस्य नियुक्त किया गया।
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों एवं
कर्मचारियों ने न्यायालय में लम्बित प्रकरणों को निस्तारित कराने के लिए अत्यधिक प्रयास किया एवं अधिकारीगण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत से पूर्व ही पक्षकारान् के मध्य प्रि-काउंसलिंग कराकर प्रकरणों में राजीनामा का प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप अपर जिला एवं सेशन न्यायालय नाथद्वारा के 41 लम्बित प्रकरणों एवं बैंकों, नगरपालिका नाथद्वारा, बीएसएनल नाथद्वारा के 236 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों कुल 277 प्रकरणों का 21,38,715/- रूपये की अवार्ड राशि से वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा न्यायालय के 179 प्रकरणों का, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा न्यायालय के 167 प्रकरणों तथा राजस्व न्यायालयों के 2 प्रकरणों कुल 169 प्रकरणों का 28,18,638/- रूपये की अवार्ड राशि से, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट नाथद्वारा न्यायालय के 106 प्रकरणों का 14,54,500/- की अवार्ड राशि से राजीनामा होकर निस्तारण किया
गया। इस प्रकार नाथद्वारा मुख्यालय पर इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल
731 प्रकरणों का निस्तारण 64,11,853/- रूपये की अवार्ड राशि से लोक अदालत की भावना से निस्तारण किया गया।

देवगढ़। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के आदेश अनुसार श्रीमती पूनम मीणा न्यायिक अधिकारी, चंद्र प्रकाश वर्मा उपखंड अधिकारी सदस्य लोक अदालत, गोविंद कंसारा अधिवक्ता सदस्य लोक अदालत की बेंच द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत मैं राजीनामा योग्य प्रकरणों के निस्तारण के लिए कुल 507 प्रकरण नियत  किए गए जिनमें से वैवाहिक के तीन प्रकरण एन आई एक्ट के 3 प्रकरण सहित फौजदारी के 139 प्रकरण दीवानी का एक प्रकरण राजस्व प्रकृति के 17 प्रकरण प्री लिटिगेशन के कुल 20 प्रकरण सहित कुल 199 प्रकरण राजीनामे के माध्यम से निस्तारित किए गए साथ ही कुल 499690 रुपए की वसूली की गई

इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता शांतिलाल जैन ,राजू सिंह रावत, नरेश जोशी , राजेश समदानी, यशवंत सिंह, नारायण लाल, सुश्री रेखा शर्मा, श्रीमती चंदा तिवारी,  लादू नाथ, राजेंद्र नाथ अधिवक्ता  मयंक राजपूत, राकेश मीणा सहित अन्य कर्मचारी एवं अधिवक्ता गण पक्षकार  उपस्थित थे