गुरुकुल पद्धति शिक्षा और संस्कृति के महत्वपूर्ण केंद्र – सांसद दीया कुमारी

सांसद ने देवगढ़ में किया सांदीपनि गुरुकुल मंदिर भूमि पूजन 
राजकीय महाविद्यालय आमेट के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में लिया भाग

राजसमंद@RajsamandTimes। सांसद दीया कुमारी ने सांदीपनि गुरुकुल देवगढ मंदिर भूमि पूजन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा की गुरुकुल शिक्षा हमारी वैदिक परंपरा हैं। यह हमारी शिक्षा और संस्कृति के महत्वपूर्ण केंद्र थे जिनकी वर्तमान युग में महत्ती आवश्यकता है।

गुरुकुल शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने वाले भामाशाओं और कार्य पद्धति को आगे बढ़ाने वालों का आभार प्रदर्शित करते हुए सांसद ने कहा की पहले संयुक्त परिवार की परंपरा होती थी तो उसमें बच्चों को संस्कार, सम्मान और आदर्श की बाते सिखाने की आवश्यकता नहीं रहती थी, बुजुर्गों से स्वत: ही सिख जाते थे। लेकिन अब एकल परिवार होने के कारण उन संस्कारों में कहीं न कहीं कमी महसूस होती है, ऐसे में गुरुकुल शिक्षा पद्धति उस कमी को पूरा कर सकती है। वैदिक शिक्षा वर्तमान युग की मांग है, इसे बढ़ावा देना चाहिए। सांसद ने शास्त्र के साथ शस्त्र शिक्षा बढ़ावे पर भी बल दिया

सांदीपनि गुरुकुलम देवगढ़ बीड के मंदिर भूमि पूजम कार्यक्रम के अवसर पर श्रीश्री 1008 श्री अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज एवं मंहत 108 श्री शुभरामदास जी महाराज का आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम में रावत वीरभद्र सिंह कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ अखिल भारतीय संगीत विद्या भारती अरुण कुमार शर्मा जिला संघचालक आमेट नारायण उपाध्याय गुरुकुल संस्थापक ललित राज व्यास पूर्व जिलाध्यक्ष भंवर लाल शर्मा कैलाश गर्ग नारायण सिंह मंडल अध्यक्ष अमर सिंह चौहान कुलदीप सिंह ताल जवाहर जाट अशोक रांका उपप्रधान नारायण सिंह गेहरीलाल गुर्जर अजय सोनी रेखा सोनी गणमान्य एवं आमजन मौजूद रहे ।

राजकीय महाविद्यालय आमेट के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में लिया भाग 

सांसद दीया कुमारी ने आमेट के राजकीय महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा की एक शिक्षक ही विद्यार्थी के जीवन को संस्कारवान बनता है। हमारे प्रथम गुरु तो हमारे माता पिता ही होते हैं लेकिन जो संस्कार और आत्म निर्भरता गुरु से मिलती है वो कहीं से नहीं मिल सकती। शिक्षक हमारे व्यक्ति विकास में प्रमुख और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सफलता की पहली सीढ़ी हमारे शिक्षक द्वारा ही तैयार की जाती है इसलिए शिक्षक का सदेव सम्मान किया जाना चाहिए। सफलता और असफलता जीवन का अंग है लेकिन शिक्षक का सिखाया हम कभी नहीं भूल सकते।

इस अवसर पर कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़, जिला प्रमुख रतनी देवी, महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष हिम्मत गुर्जर समस्त कार्यकारणी, महाविद्यालय प्राचार्य शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।