श्रीजी प्रभु में गोवर्धन पूजा व भव्य अन्नकूट आयोजित, प्रसाद के रूप में आदिवासी भक्त समाज ने लूटा अन्नकूट

श्री लाडले लाल प्रभु के सम्मुख तिलकायत श्री एवं  विशाल बावा ने की गोवर्धन पूजा..

नाथद्वारा@राजसमन्द टाइम्स।  पुष्टीमार्ग की प्रधान पीठ श्रीजी प्रभु की हवेली में अक्षय नवमी बुधवार को अमावस्या पर हुए सूर्य ग्रहण के कारण श्रीजी प्रभु के अन्नकूट महोत्सव अक्षय नवमी के दिन आयोजित हुआ। इस अवसर पर श्रीजी प्रभु में मंगला दर्शन पश्चात श्री विट्ठलेश राय प्रभु दोपहर में प्रीतम पोल से श्रीजी प्रभु में पधराए गए तथा श्री लाडले लाल प्रभु को गोवर्धन पूजा चौक में गौ माता के सम्मुख विराजित कर गो.ति.108 श्री इंद्रदमन जी (राकेश जी) महाराज श्री एवं गो.चि.105 श्री विशाल बावा साहब ने प्रभु के सम्मुख गोधन से निर्मित गोवर्धन की विधि विधान से गोवर्धन पूजा की तथा ग्वाल बालों के थापे लगाकर प्रभु के ग्वाल सखाओ को ऊपरना ओढ़ाकर एवं प्रसाद प्रदान कर उनका सम्मान किया  श्री विशाल बावा ने गोवर्धनजी की पूजा कर आरती उतारी एवं लाडले लाल प्रभु को लाड लड़ाया। श्रीजी प्रभु की प्रमुख गौ माता का पूजन कर गोवर्धन को गुंदने की प्रार्थना की तथा गौमाता द्वारा गोवर्धन को अपने चरणों से गुंदकर गोवर्धन पूजा की सार्थकता की परंपरा का निर्वहन किया।तत्पश्चात लाडले लाल प्रभु एवं श्री विट्ठलेश राय प्रभु युगल स्वरूप में श्रीजी प्रभु में पधारे एवं श्रीजी प्रभु के सम्मुख विराजित हुए तथा श्रीजी प्रभु को महाभोग के रूप में अन्नकूट अरोगाया गया,जिसमें विशेष रूप से प्रभु के सम्मुख सैकड़ों प्रकार की सखड़ी एवं अनसखड़ी की सामग्री का महाभोग, बाल भोग, दूध घर, नमकीन फिके की सामग्री, कंद,सागर की सामग्री, कई प्रकार के शाक एवं चोखे (चावल) का भव्य शिखर धरा प्रभु को अरोगाया गया।


प्रभु के भोग अरोगने के पश्चात रात्रि 11:00 बजे के पश्चात प्रभु के प्रसाद के रूप में अन्नकूट के महाप्रसाद को सैकड़ों गांवों से आए हजारों आदिवासी भक्तों द्वारा बड़े जोश और उत्साह से लूटा गया जिसमें विशेष रूप से प्रभु के चौखे का प्रसाद जिसे आदिवासी भक्त उसे सुखाकर वर्ष पर्यंत सहेज कर रखते हैं एवं उसे रोज ग्रहण करते हैं जिससे कि उन पर प्रभु कृपा सदा बनी रहे तथा उनके सभी कष्ट प्रभु के प्रसाद से मिट जाएं।