जिला कलेक्टर की पहल रंग लाई, 32 हजार से अधिक बच्चे एनिमिया मुक्ति की राह पर

आईसीडीएस और चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में जारी है एनिमिया मुक्त राजसमंद अभियान राजसमंद

राजसमन्द@RajsamandTimes। जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना की पहल पर जिले में आंगनबाडी केन्द्रो पर पंजीकृत 6 माह से 59 माह के 88 हजार 666 बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग कर अनिमिया से ग्रस्त बच्चो को माईल्ड एनिमिक, मोडरेट एनिमिक एवं सिवियर एनिमिक श्रेणियों में वर्गीकृत कर उनको एनिमिया से मुक्त करने के लिये विशेष अभियान संचालित किया गया।

क्या है एनिमिया….
अनीमिया एक ऐसा रोग है जिसमें बच्चों के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है, जिसके चलते उत्तको तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। इसके कारण बच्चो के शारिरीक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर विपरीत असर पड़ता है। इसका मुख्य लक्षण शरीर में कमजोरी और थकावट रहना, त्वचा का पीली पड़ना, बार- बार सिरदर्द होना, चिड़चिड़ा व्यवहार होना प्रमुख है। लक्षणों के नजरअंदाज करने पर समय पर उपचार नही करने पर इसके गंभीर और घातक दुष्प्रभाव बच्चो को भविष्य में भुगतने पड़ सकते है।

अभियान के तहत क्या हुआ….
जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना के मार्गदर्शन में मेडिकल विभाग के सी एम एच ओ डॉ. प्रकाश चन्द्र शर्मा, डिप्टी सी एम एच ओ डॉ तारा चन्द्र उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग एन एल मेघवाल द्वारा एवं मेडिकल तथा आई सी डी एस के लगभग 2500 आगनवाडी कार्यकर्ता / आशा / ए एन एम / चिकित्सक / सीडीपीओ / बीसीएमओ / महिला पर्यवेक्षक / डीसी / बीसी द्वारा उक्त कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई गई।

जिला कलेक्टर  के आदेशानुसार कार्ययोजना के तहत् सर्वप्रथम बच्चों का सर्वे कार्य 15 जून 2022 से लेकर 22 जून 2022 तक आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा 6 माह से लेकर 59 माह के बालकों का सर्वे किया एवं बालकों की सूचीया बनाई गयी। इसी योजना के तहत 27 जून 2022 से लेकर 15 जुलाई 2022 तक 1167 आंगनबाडी केन्द्रों पर मेडिकल विभाग द्वारा लेब टेकनिशियन, एएनएम एवं आशा द्वारा हिमोग्लोबिन जांच मशीनें तैयार कर रजिस्टर्ड समस्त बच्चों की हिमोग्लोबिन जांच की गयी। इसके साथ ही माह जुलाई से लेकर 31 दिसम्बर 2022 तक सभी बच्चों को दो लाख आईएफए सिरप एवं एक लाख एलब्डाजोल सिरप की दवाईयों का वितरण आंगबाडी केन्द्रों पर चिकित्सा विभाग द्वारा करवाया गया। उक्त दवाईयों को 6 माह से लेकर 59 माह के बालकों को एएनएम, आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा 6 माह तक बालकों को पिलायी गयी।

उपनिदेशक आईसीडीएस एन एल मेघवाल ने बताया की अभियान के लिये सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एनिमिया जांच शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें चिकित्सा विभाग की टीमो द्वारा सभी बच्चों के हिमोग्लोबीन की जांच की गई। जांच में 32 हजार 505 बच्चे एनिमिया से ग्रस्त पाये गये जिनमें 16 हजार 477 बच्चे माईल्ड एनिमिक यानि हिमोग्लोबीन स्तर 10 से 10.9 पाया गया, 14 हजार 998 बच्चे मोडरेट एनिमिक यानि इन बच्चो के रक्त में हिमोग्लोबीन स्तर 7 से 9.9 पाया तथा 1 हजार 30 बच्चे सिवियर एनिमिक यानि इन बच्चों के रक्त में हिमोग्लोबीन का स्तर 7 से कम पाया गया।

सभी एनिमिक बच्चों का नियमित मोनिटरिंग के साथ समुदाय स्तर पर उपचार शुरू किया गया जिसके तहत सभी बच्चों को आईएफए की दो दो सिरप व एल्बेंडाजॉल टेबलेट चिकित्सकीय गाईडलाइन के अनुसार दी गई, तथा परिजनों को बच्चों को दवाओं की खुराक नियमित देने के लिये समझाया गया। सभी बच्चो का 190 से 180 दिन तक फोलोअप जांच की गई जिसमें उनकी स्थिति में सुधार आंका गया।

गंभीर अनीमिया से ग्रस्त 1 हजार 30 बच्चों को नजदीकी उच्च चिकित्सा संस्थान पर रेफर किया गया जहां उनको चिकित्सकीय जटिलता वाले 182 बालकों एमटीसी रेफर किया शेष 848 बालकों उपचार के साथ ही निःशुल्क दवाईयां यथा विटामिन, आईएफए सिरप आयरन, कैल्षियम, अल्बेडाजोल दी गई। इन बच्चो के लिये अतिरिक्त पोषाहार की व्यवस्था करने के साथ ही आशाओं के माध्यम से इन बच्चो की नियमित मोनिटरिंग के साथ ही घर में साफ – सफाई एवं विटामिन सी युक्त आहार के उपभोग के लिये परिजनों को प्रेरीत किया गया, जिसके कारण अब सभी बच्चे स्वस्थ होकर अनिमिया से मुक्ति की राह पर है।

द्वितीय चरण के दौरान 7 ब्लॉक के लगभग 21119 बालकों की हीमोग्लोबिन जाँच करवाई गयी जिसमें से 19201 बच्चे सामान्य पाये गये तथा मात्र 1928 अनिमिक पाए गये जो कि पूर्व के 44 प्रतिशत अनिमिक थे उसमें से सेम्पल सर्वे के अनुसार मात्र 9 प्रतिशत अनिमिक ही पाए गये। अनिमिया मुक्त राजसमंद अभियान के तहत 6माह से 59 माह के बालकों में अनिमिया का स्तर 44 प्रतिशत से गिरकर मात्र 9 प्रतिशत ही रहा है अतः 35 प्रतिशत अनिमिक बालकों में सुधार हुआ है। जो कि अभियान की उपलब्धि रही है । अभियान वर्तमान में जारी है ।