17 अक्टूबर को आयोजित होगा कृमि मुक्ति दिवस , अतिरिक्त जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक

राजसमंद। जिले में आगामी 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जायेगा। जिसमें 1 से 19 वर्ष तक के बच्चो एवं किशोर – किशोरीयों को कृमि मुक्त करने हेतु एल्बेंडाजॉल की खुराक दी जायेगी। इसलिये सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ अभियान को सफलता पूर्वक आयोजित करें तथा शत प्रतिशत उपलब्धी हासिल करें। यह निर्देश अतिरिक्त जिला कलेक्टर रामचरण शर्मा ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में दी।
बैठक में सीएमएचओ डॉ प्रकाश चन्द्र शर्मा द्वारा बताया गया कि कृमि संक्रमण से बच्चों के शारीरिक विकास, हिमोग्लोबिन स्तर , पोषण एवं बौद्धिक विकास पर हानिकारक प्रभाव डालता है। निश्चित समयांतराल पर कृमि मुक्त करने से कृमि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है। 17 अक्टूबर को अभियान से वंचित रहे बच्चों और किशोर – किशोरियों के लिये 18 अक्टूबर को मॉप – अप दिवस के दिन कृमि मुक्ति के लिये दवा दी जायेगी।
बैठक में कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी परिवार कल्याण डॉ ताराचंद गुप्ता ने अभियान की तैयारियों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया की जिले में लक्षित बच्चों को दवा खिलाने के लिये जिला औषधी भण्डार द्वारा एल्बेंडाजॉल टेबलेट का वितरण सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्र तक किया जा रहा है। आयोजन हेतु सभी ब्लॉक एवं सैक्टर स्तर पर प्रशिक्षणों का आयोजन शुरू कर दिया गया है।
अभियान के तहत 1 से 5 वर्ष के बच्चों तथा विद्यालय नहीं जाने वाले 6 से 19 वर्ष के समस्त बच्चों और किशोर – किशोरियों को आंगनबाड़ी केन्द्र पर कृमि मुक्ति हेतु टेबलेट दी जायेगी। वहीं सभी राजकीय विद्यालयो, निजी विद्यालयो, उच्च शिक्षण संस्थानो, तकनीकी संस्थानों, मदरसो में शिक्षकों द्वारा एल्बेंडाजॉल की गोई खिलाई जायेगी तथा वंचित रहे लाभार्थिंयों को 18 अक्टूबर को दवा खिलाई जायेगी।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की किसी बच्चे में बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर बच्चे को कृमि मुक्ति की दवा नहीं देनी है। साथ ही शिक्षक, आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निर्देशित करना है कि किसी भी परिस्थिति में कृमि मुक्ति की दवाई बच्चो के माता – पिता या अभिभावकों को बच्चों को खिलाने के लिये नहीं देनी है, दवाई आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या शिक्षकों द्वारा ही दी जानी है। दवा खिलाने से पहले शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशाओं को अपने हाथ साबुन से जरूर धोने चाहियें।
उन्होंने बताया की 1 से 2 वर्ष तक के बच्चे को एल्बेंडाजॉल की आधी गोली को चम्मच से चूर कर चम्मच में पानी के साथ मिला कर पिलाना है। 2 से 3 वर्ष के बच्चे को 1 पूरी गोली चूर कर पानी के साथ देनी है। 3 से 19 वर्ष तक के बच्चे को पूरी 1 गोली पूरी चबाकर पानी के साथ लेनी है। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूलों एवं उच्च शिक्षण संस्थाओं पर हाथ धोने के लिये साबुन और पानी की व्यवस्था तथा पीने के लिये स्वच्छ जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। साथ ही अभियान के आयोजन के साथ ही सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूलों एवं उच्च शिक्षण संस्थान द्वारा निर्धारित प्रारूप में रिपोर्टिंग की जायेगी।
बैठक में उपनिदेशक आईसीडीएस नन्दलाल मेघवाल, प्राचार्य राजकीय एसआरके कॉलेज श्रीमती निर्मला मीणा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी – कर्मचारी उपस्थित थे।