राग और द्वेष मन की दो बीमारियां हैं तो राग-द्वेष से शून्य हो जाना सन्यास है- मुनि अतुल

राजसमन्द@RajsamandTimes। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार के सहवर्ती संत मुनि अतुल कुमार रिटायर सब-इंस्पेक्टर गोपाल राम के निवास स्थान पर काली बावड़ी राजसमंद पधारे। प्रवचन माला में मुनि अतुल कुमार ने कहा मनुष्य हाड मांस का पुतला तो है, पर उसे सांसारिक मोह-माया तब ज्यादा जकड़ती है, जब वह राग द्वेष के फेर में फंसता है। राग यानी इच्छा अथवा चाहत। चाहे स्वर्ग की हो या नौकरी की। और द्वेष चाहे बुरी वस्तु से हो, चाहे भली वस्तु से लेकिन ये जिसके मन में रहते हैं, उसे बेचैन और असंतुष्ट बनाए रखते हैं। इसलिए कहा गया है कि राग-द्वेष वाले बार-बार जनमेंगे और बार-बार मरेंगे। अतः राग-द्वेष से प्रेरित कोई काम करने से पहले दस बार विचार करो। राग और द्वेष मन की दो बीमारियां है तो राग-द्वेष से शुन्य हो जाना सन्यास है। जिसके अंतःकरण में राग-द्वेष है, उसे नष्ट हुआ ही समझो।अगर मन के साथ जुड़कर जीए, शरीर और संसार को सत्य माना, तो राग-द्वेष जाएगा नहीं। राग-द्वेष नहीं जाएगा, तो फिर जन्म-मरण का चक्र कैसे खत्म होगा ? जिसका राग-द्वेष चला गया,वह मानो परमेश्वर ही है। उसने परम ऐश्वर्य पा लिया है। मन चलायमान है। इसमें हमेशा गतियां उत्पन्न होती रहती हैं। इसी वजह से मन को चंचल कहा गया है। मन की चंचलता को नियंत्रित करने के लिए होश की अवस्था (ध्यानावस्था) सुगम उपाय है। होश और मुक्ति दो अलग चीजें नहीं हैं। होश ही मुक्ति है और मुक्ति ही होश है। इसे गांठ बांध लीजिए, कोई संदेह ना रह जाए। होश को साधने का सबसे बेहतरीन तरीका है, आपका अपना अनुभव। चलते हुए रास्ते में किसी पत्थर से टकराते हैं तो पत्थर को गाली देना महामूर्खता की निशानी है। पत्थर से अगली बार बचकर अपनी राह चलने वाला विद्वान कहलाता है। होश साधना समझ आ गई तो हम मूर्खता से बच सकते हैं। विद्वान तो बनेंगे ही और यदि होश में दीवानगी बढ़ गई तो संत भी बन सकते हैं। चुनाव आपके अंतर्मन का, आपके होश को बढ़ा सकता है। और गुरु आपके कदमों से कदम मिलाकर आपका बोध और होश बढ़ाने में सहयोग देते हैं। ताकि आपके जीवन से विद्वता और संतत्वपूर्ण सन्यस्त भाव प्रकाशित हो।

इस दौरान लव कुमार, जगदीश कुमार, मनोज कुमार, रिटायर सब-इंस्पेक्टर गोपाल राम,रेड क्रॉस सोसायटी उपाध्यक्ष सीपी व्यास, जसराज सोनी,पुष्पेन्द्र छीपा, चंद्र प्रकाश मारू,गौरव मल्होत्रा, प्रवीण कुमार, राजेंद्र पगारिया सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।