कोरोना में बाल श्रम बढ़ा है इस पर नियंत्रण आवश्यक है-पण्डिया

राज्य बाल आयोग के सदस्य डॉ शेलेन्द्र पण्डिया द्वारा जयपुर प्रस्थान के दौरान राजसमन्द देवथड़ी स्थित बाल कल्याण समिति राजसमन्द पहुचे जहा समिति के सदस्यों द्वारा नाथद्वारा की परंपरानुसार वृन्दावनी टोपी व इकलाई ओढ़ा कर एवं श्रीनाथजी की राजभोग के दर्शन की छवि तथा लड्डू देकर सम्मान किया गया ।
डॉ शेलेन्द्र पण्डिया द्वारा किशोर गृह व सम्प्रेषण गृह का औचक निरीक्षण किया व आवसरत बालको से बात की व उनकी समस्या को सुना व कमियां पाने जाने पर आवश्यक निर्देश दिए।

बाल आयुुक्त सदस्य द्वारा बाल कल्याण समिति की बैठक ली जिसमे सदस्य बहादुर सिंह चारण व रेखा गुर्जर तथा अध्यक्ष कोमल पालीवाल उपस्थित रहे व हरजेंद्र सिंह व सिमा डागलिया के द्वारा भी उपस्थित रहे।

डॉ शेलेन्द्र पण्डिया द्वारा बाल कल्याण समिति के द्वारा हाल ही में बाल श्रम के रेस्क्यू के प्रकरण की सराहना की एवं कहा कि कोरोना काल में एक ओर युवाओ को रोजगार नहीं मिल रहा किन्तु बालश्रम बढना चिंता का विषय है। इस पर रोकथाम हेतु विशेष प्रयास किये जाते रहना अनिवार्य है तथा हाल ही में बाल कल्याण समिति के द्वारा दर्ज करवाई गई जीरो एफ आई आर के प्रकरण के बारे में जानकारी ली तथा बाल कल्याण समिति के द्वारा किये जा रहे फाइल कार्यो को भी देख कर प्रशंशा की व कहा कि व्यवस्थित व नियम से कार्य करने के अच्छे व सार्थक परिणाम आते है। उनके द्वारा हाल ही में देवगढ़ में आये पोजेटिव बालको के स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा डॉ पण्डिया द्वारा किशोर एवं सम्प्रेषण गृह परिसर में वृक्षा रोपण किया ।इस दौरान बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादुर सिंह चारण, रेखा गुर्जर व किशोर गृह के विकास, व गार्ड मोहित, प्रह्लाद समेत अन्य उपस्थित रहे।

बाल कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा आयोग के सदस्य डॉ शेलेन्द्र पण्डिया के पधारने पर आभार व्यक्त किया। इसके पश्चात राजसमन्द से सीधे जयुपर के लिए प्रस्थान कर गए जहाँ राज्य बाल एंव संरक्षण आयोग में बैठक में भाग लेंगे।


बालिकाओं को टिकट व देने व बस में न बैठाने तथा बस में बेठी बालिका को हाईवे पर उतारने की खबर पर लिया संज्ञान

राजसमन्द।लम्बे लोकडाउन के पश्चात अनलाॅकडाउन की प्रक्रिया के अन्तर्गत राज्य परिवहन विभाग के राजस्थान सरकार की कोरोना गाईडलाइन के तहत जारी दिशा निर्देशो के अनुसार राज्यस्तरीय व जिला डिपो पर राजकीय रोडवेज बसों का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में राजसमन्द रोडवेज डिपो के द्वारा भी बसो का संचालन प्रारम्भ किया जा रहा है, जिसके तहत गुरूवार को नाथद्वारा के देलवाडा क्षेत्र में यात्रियो को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। रोडवेज बसों के संचालन के दौरान राजकीय रोडवेज बसों के द्वारा जारी विभागीय दिशा निर्देशों के विपरित जाकर उल्लंघन किये जाने तथा यात्रियों को भी भारी परेशानी हो रही है एवं बच्चों को भी भारी परेशानियों का सामना जिस पर बाल कल्याण समिति, राजसमन्द के द्वारा संज्ञान लिया जाकर बैठक की गई। बैठक में अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादुरसिंह चारण, हरजेन्द्र सिंह चैधरी, सीमा डागलिया तथा रेखा गुर्जर उपस्थित रहे।

राजसमंद जिले के देलवाडा तहसील क्षेत्र के आदेशो के बावजूद निर्धारित मार्ग की बजाय राज्य परिवहन निगम कर्मियों के द्वारा मनमर्जी के रूट पर चलाये जाने से कस्बेवासियों को निगम सेवाओं से वंचित होना पड रहा है। निगम कर्मियों की संवेदनहीनता का आलम यह है कि चेटक बस स्टेण्ड उदयपुर से देलवाडा आने वाली बालिकाओं को न तो टिकट दिया जाता ओर न ही बस में बैठाया जाता है तथा चालक व परिचालन के द्वारा देलवाडा न ले जाकर बाईपास से बस निकालते है तथा एक अकेली महिला एवं बच्चों के साथ भी ऐसा ही सलुक कर रहे है। निगम कर्मियों के द्वारा 16 वर्षिय बालिका को देलवाडा के लिए बैठाने के पश्चात देलवाडा नहीं जाने का कहकर टोल पर ही बालिका को उतार देना, यह गम्भीर लापरवाही व उपेक्षापूर्ण व्यवहार के साथ में राजकीय दायित्यों के निवर्हन में कमी प्रतीत होता है। बालिका को परिवहन विभाग के कर्मचारी द्वारा नाबालिग बालिका को बीच सडक पर उतारकर चले जाना मानवीय एवं विधि आधारो पर भी गलत है। यह गम्भीर लापरवाही व उपेक्षापूर्ण व्यवहार के साथ में राजकीय दायित्यों के निवर्हन में कमी प्रतीत होता है।

बाल कल्याण समिति, राजसमन्द के द्वारा उपरोक्त परिस्थियों को संज्ञान में आने पर बैठक में उपरोक्त प्रकरण की व परिस्थितियों की जांच कराये जाने का प्रस्ताव लिया गया है। अध्यक्ष कोमल पालीवाल के द्वारा बताया गया कि नाबालिग बालिको को रोड पर उतारा जाना गलत है तथा इससे संबंधित तथ्यांे की जांच करवाये जाने हेतु जिला परिवहन अधिकारी राजसमन्द व उदयपुर को लिखा गया जिसकी प्रति निदेशक, परिवहन विभाग एवं जिला कलक्टर राजसमन्द व उदयपुर को भी भेजी गई है। बाल कल्याण समिति के द्वारा नाबालिग बालिका को दुर्रव्यवहारपूर्ण तरिके से निगमकर्मी के द्वारा किये गये कृत्य से संबंधित तथ्यांे की जांच करायी जाकर तथा उक्त खबर के तथ्यों के आधार पर कारित कृत्य के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर मय जांच रिपोर्ट, कार्यवाही रिपोर्ट 15 दिवस में बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया।