पूजा-पाठ,ध्यान-जप के समय,मन में उठने वाले बुरे विचारों से परेशान ना हों,भावनाएं शुद्ध रखें-मुनि अतुल



राजसमन्द@RajsamandTimes। महाश्रमण विहार चारभुजा में रात्रि कालीन प्रवचन माला में मुनि अतुल कुमार ने कहा बहुत लोग कहते हैं कि पूजा-पाठ, ध्यान-जप करते समय मन में बुरे विचार आते हैं, क्या उन्हें दूर करने का कोई उपाय है। पहले तो आप जान लीजिए कि विचार दो ही तरह के होते हैं। संसार संबंधित यां फिर भगवान संबंधित। संसार संबंधी गलत हैं। जब तक मायाबद्ध हैं ,आएंगे ही‌। जैसे ही संसारी विचार आएं, वहां अपने ईष्ट प्रभु को खड़ा कर दो, वे आए तो यह भाग जाएगा। आप गंदा किसको मानते हो, क्या किसी का हक मारने को, किसी के मन को तकलीफ़ देने को, किसी को धोखा देने को, किसी से कपट करने को ये सब सचमुच बुरे विचार हैं। लेकिन पक्का आप इन विचारों की बात नहीं कर रहे हैं। मैं ये दावे के साथ कह सकता हूं कि आप “कामुक” विचारों की बात कर रहे हैं। तो मैं आपको बता दूं कि इन्हें बुरा विचार न माने। हमारी कामुकता भी ईश्वर की दी हुई है। इसको समाज ने बुरे की संज्ञा दी है, ना कि ईश्वर ने। ये विचार बुरे तब तक नहीं हैं जब तक आप मर्यादा लांघने यां किसी को क्षति पहुंचाने की नहीं सोचते। तो अगर ये विचार भविष्य में आपको कभी भी परेशान करें तो इन्हें दबाने यां ईश्वर से छुपाने का बिल्कुल प्रयास न करें बल्कि इन्हें नजरअंदाज करके जो आप करने आए हैं उस पर ध्यान दें। कुछ समय में ये विचार खुद ही हार मान लेंगे। अपने खान-पान और उससे संबंधित आदतों में सुधार लाएं। क्योंकि पेट की गर्मी का इन विचारों से सीधा संबंध है। अपनी भावनाओं को शुद्ध रखें। फिर अपनी पूजा-पाठ, ध्यान-जप पर ध्यान दें ना कि किसी विचार या भावना को दबाने पर। जितना दबाने यां छुपाने का प्रयास करोगे, उतना ज़्यादा परेशान होंगे।हमारे अंतःकरण में जमे हुए बुरे संस्कार हमें अच्छे कार्यों के लिए रोकते हैं। ध्यान-जप में कठिनाई, व्यवधान या बुरे विचार आने का कारण भी यही है। पूजा पाठ, ध्यान जप करते समय मन में जो गंदे विचार आते हैं, उनको दूर करने का उपाय यही है कि आप अपना पूजा पाठ निरंतर व नियमित करते रहें। धीरे-धीरे आपके बुरे संस्कार कट जाएंगे और शुभ संस्कार स्थापित हो जाएंगे। उसके बाद इस तरह के बुरे विचार पूजा पाठ के समय नहीं आएंगे। मन की अशांति के कारण मन में तरह-तरह के विचार आते हैं, चाहे वे अच्छे हों या बुरे। ध्यान जप करते समय भी मन अशांत हो सकता है, जिससे बुरे विचार आ सकते हैं। शरीर की थकान भी मन को अशांत कर सकती है। पूजा ध्यान करते समय यदि आप थके हुए होते हैं, तो आपके मन में बुरे विचार आ सकते हैं। भावनाओं का उतार-चढ़ाव भी मन को अशांत कर सकता है। यदि आप तनावग्रस्त, चिंतित यां उदास महसूस कर रहे हैं तो आपके मन में बुरे विचार आ सकते हैं। यदि आपके मन में पहले से ही बुरे विचारों का प्रभाव है, पूजा ध्यान करते समय भी आपके मन में बुरे विचार आ सकते हैं।

मुनि रविंद्र कुमार ने मंगल पाठ सुनाया। प्रवचन में काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।