नाथद्वारा।अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा जी द्वारा सन् 1979 में घोषित प्रथम 24 गायत्री तीर्थ स्थापना के अंतर्गत नाथद्वारा में बनने जा रहे गायत्री धाम के भूमिपूजन समारोह में सवा करोड़ हस्त लिखित गायत्री मंत्र एवं देश के 2400 प्रमुख तीर्थों व मेवाड़ के प्रमुख तीर्थों एवं देव स्थलों की रज, जल व ईंटों से वैदिक मंत्रों द्वारा विधि विधान से भूमिपूजन किया गया।
शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में गायत्री परिवार ट्रस्ट राजसमन्द द्वारा मंगलवार सुबह आयोजित गायत्री धाम नाथद्वारा के भव्य भूमि पूजन समारोह में धर्म तंत्र, राज तंत्र एवं लोक तन्त्र का अदभुत संगम देखने को मिला। प्रातः 8.30 बजे 9 कुण्डीय गायत्री यज्ञ में वैदिक मंत्रों की आहुतियां दी गई व कन्या पूजन हुआ। धाम के शिलान्यास हेतु 11 बजे से सामूहिक ईंट पूजन सभी श्रद्धालुओं ने किया। देवमंच पर यज्ञीय कार्य शान्तिकुंज की टोली ने संगीतमय वातावरण में सम्पन्न करवाया।
गायत्री परिवार स्वयंसेवक कृष्ण गोपाल जागेटिया ने जानकारी देकर बताया कि प्रातः 11.45 बजे गायत्री धाम के भूमि एव शिलापूजन समारोह में अतिथियों में सूरजकुंड के सन्त अवधेशानन्द , आई श्री कंकु केशर माँ , उत्तम स्वामी, रोकड़िया हनुमान जी के सन्त सहित श्री नाथजी मंदिर से सुधाकर शास्त्री मंचासीन रहे। गायत्री श्रद्धालुओं की गरिमामय उपस्थिति में पंडित वल्लभनगर के पुष्कर आमेटा एवं विद्वान पंडितों द्वारा भूमिपूजन सम्पन्न हुआ ।
गायत्री धाम निर्माण समिति के अध्यक्ष चंद्र कांत पालीवाल ने बताया कि गुरु सत्ता एव दिव्य शक्तियों की सूक्ष्म उपस्थित में भूमि पूजन के मुख्य कार्यक्रम में स्वागत सत्कार के बाद मुख्य अतिथि शान्तिकुंज हरिद्वार से आये प्रतिकुलपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय , युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पंड्या ने प्रेरक प्रसंगों के साथ कहा कि यह गायत्री धाम अपनी प्रेरणादायक गतिविधियों से मानव को महामानव एव लोगों के दूषित चिंतन एवं आचरण को दूर कर सन्मार्ग गामी बनाएगा ,यही पूज्य गुरुदेव का नाथद्वारा में गायत्री धाम बनाने का उद्देश्य रहा हैं जो साकार हो रहा है।
राजस्थान के भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने कहा कि जब मैने शांतिकुंज के दर्शन किये तब वहां का दिव्य वातावरण देखा और मेरा भी एक सपना था कि ऐसा ही गायत्री का धाम नाथद्वारा में भी बने ताकि सभी को इसका लाभ मिले ,वह आज साकार हो रहा है।
राज्यपाल पंजाब व प्रशासक चंडीगढ़ गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि गायत्री परिवार का मेरा वर्षो से जुड़ाव रहा है। कई आयोजनों में गया हूं , राष्ट्र जागरण के आयोजनों से अभिभूत हूं। उद्योगपति व समान सेवी मदन पालीवाल ने भी अपने विचार अभिव्यक्ति में कहा कि गायत्री परिवार के प्रेरक सदवाक्यों ने ही मेरे जीवन की दिशा बदल दी। पहला ‘असफलता केवल यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया’ । दूसरा ‘मनुष्य परिस्थितियों का दास नहीं, उसका निर्माता और नियंत्रण कर्ता है।आज जो कुछ भी हूँ वह उन दो प्रेरणादायी विचारों का ही परिणाम है ।
इस अवसर पर उदयपुर सांसद मन्ना लाल रावत, राज्य सभा सांसद चुन्नी लाल गरासिया, राजसमन्द विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी, कुम्भलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ भी उपस्थित थे। इस आयोजन में गायत्री परिवार के घनश्याम पालीवाल, गिरिजा शंकर, भँवर लाल , तिलकेश सेन, मनोज, प्रकाश सालवी, अतुल शर्मा , हिमांशु, विष्णु, नवीन आदि ने व्यवस्था बनाने में योगदान दिया व बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के कार्यकर्ता उपस्थित थे।