श्रीजी प्रभु की श्री संपदा का सतत विकास, ग्रीन एनर्जी, सौर ऊर्जा, हरित क्रांति द्वारा प्रभु को सर्वोत्तम सामग्री अरोगाना ही लक्ष्य- विशाल बावा

विशाल बावा ने किया श्रीजी हवेली में चल रहे निर्माण कार्यों का सघन निरीक्षण


नाथद्वारा। श्रीनाथजी प्रभु की हवेली में प्रभु सेवा में प्रभु के सुखार्थ एवं सेवा वालों की सरलता एवं सुविधा के लिए गो.ची.105 श्री विशाल बावा ने गो. ति.108 श्री इंद्रदमन जी महाराज श्री की आज्ञा से हो रहे नव निर्माण कार्यों के तहत प्रशासनिक व्यवस्था एवं निर्माण कार्यों का सघन निरीक्षण कर दिशा निर्देश प्रदान किए।

बावा श्री ने खासा भंडार, खांड घर, शहद घर,उस्ता खाना का सगन निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं सेवा वालों की सेवा में सुविधा एवं सरलता को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्यों को सही रूप देने के दिशा निर्देश प्रदान किए।
तत्पश्चात श्री विशाल बावा ने सालोर पधार कर सालोर की बीड व गौशाला एवं श्रीजी प्रभु की कृषि भूमि का निरीक्षण किया व मावली में श्रीजी प्रभु के गौचारण बीड एवं वहां की उपजाऊ भूमि का निरीक्षण कर अच्छी किस्म की गौ माता के लिए घास एवं चारे के लिए उन्नत पैदावार बढ़ाने के निर्देश दिए।
तत्पश्चात घसियार स्थित श्रीजी मंदिर में पधार कर घसियार में हो रहे नवा चारों एवं निर्माण कार्यों का जायजा लिया । मुख्य रूप से गौशाला में हो रहे गौ माता के लिए शेड का शुभारंभ किया एवं घसियार स्थित श्रीजी प्रभु के बीड एवं कृषि भूमि के सदुपयोग व उसके विकास से प्रभु की सेवा में उत्तम उत्पादन हो सके। तत्पश्चात श्री विशाल बाबा साहब ने उदयपुर श्री नाथ जी की हवेली में निर्मित ध्रुव बारी एवं ध्वजा जी का अवलोकन कर प्रभु के दर्शन किए।


इस अवसर पर श्री विशाल बावा ने अपने संबोधन में कहा कि इन सभी निरीक्षण और अवलोकन का मुख्य उद्देश्य श्रीजी प्रभु की श्री संपदा का सतत विकास, ग्रीन एनर्जी के विकास जिसकी आज के समय में महती आवश्यकता है, सौर ऊर्जा के विकास की संभावनाओं को तलाश कर उसे मूर्त रूप देना, वहीं कृषि में टेक्नोलॉजी एवं अनुसंधान के द्वारा प्रभु की प्राकृतिक संपदा का विकास करना, प्रभु के गौधन के स्वास्थ्य एवं सुधार व सर्वोत्तम आहार गौ माता की सेवा में उपलब्ध करवाना है। वही नाथद्वारा आने वाले प्रभु के प्रिय वैष्णव जनों को घसियार दर्शनार्थ उत्तम सुविधा के लिए प्रयास करना जो कि ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से एक वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख स्थल है जहां श्रीजी प्रभु ने 6 वर्षों तक विराज कर उसे पवित्र किया था एवं घसियार की प्राकृतिक कृषि संपदा एवं प्राकृतिक सौंदर्य को हरित क्रांति के प्रयासों से उन्नत बनाना यह प्रमुख उद्देश्य है।
इस अवसर पर मंदिर के अधिकारी श्री सुधाकर उपाध्याय, मंदिर के सीईओ श्री जितेंद्र ओझा, टेंपल बोर्ड के सदस्य श्री सुरेश संघवी, वैष्णव अंजन शाह, समीर, टेंपल बोर्ड के कर्मचारी राजपुरोहित आदि साथ में उपस्थित थे।