समुद्र मंथन परंपरा का निर्वहन करने में जुटी महिलाएं, माना तालाब के जीर्णोद्धार में कर रही हैं श्रमदान

खमनोर। पंचायत समिति खमनोर मुख्यालय स्थित ग्राम पंचायत खमनोर के एकमात्र ऐतिहासिक माना तालाब के चल रहे जीर्णोद्धार के कार्य में स्थानीय महिलाओं द्वारा किये जा रहे श्रमदान रूपी यज्ञ से क्षेत्रवासियों में हर्ष की लहर है। विभागीय स्तर पर इसकी पाल को मजबूत करने का काम चल रहा है। ग्राम पंचायत खमनोर से सर्व समाज की करीब 250 से 300 महिलाओं द्वारा एक धार्मिक परंपरा का निर्वहन करते हुए अभूतपूर्व “समुद्र मंथन” अनुष्ठान किया जा रहा है। समुद्र मंथन की प्रक्रिया के बारे में पूछने पर ज्ञात हुआ कि हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार तालाब की नींव भरने में सहयोग करने से सर्वजन कल्याण के साथ मोक्ष की प्राप्ति सुलभ रहती है।
स्थानीय महिलाओं द्वारा वैशाख माह में पूर्णिमा तक श्रमदान कर तालाब से मिट्टी निकालते हुए मिट्टी को तालाब की पाल के दूसरी ओर डाला जा रहा है । हिंदू धार्मिक मान्यता अनुसार महिलाएं तालाब की पाल के जीर्णोद्धार पश्चात इसमें पानी भर जाने पर पानी के अंदर खड़ी होकर पूजा अर्चना करेगी और पानी से बाहर निकालने हेतु भाईयों को बुलाया जायेगा जो उन्हें चुनरी ओढ़ाकर, हाथ पकड़ते हुए तालाब से बाहर निकालेंगे।

जानकारी के अनुसार पांच दशकों पूर्व बनास नदी से पानी लिफ्ट कर नहर द्वारा माना तालाब को भरा जाता था जो कृषि व पेयजल के कार्य आता था। कालांतर में अतिवृष्टि से तालाब की पाल फूट गई जिसकी पुनः मरम्मत ठीक से नहीं होने से तालाब का लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह जाता व कुछ ही समय में खाली हो जाता ।

उल्लेखनीय है कि बरसों से उपेक्षित पड़े ऐतिहासिक माना तालाब के संरक्षण को लेकर विधानसभा अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक डॉ सीपी जोशी द्वारा डीएमएफटी फंड से 80 लाख रुपये की स्वीकृति जारी कराते हुए इसका जीर्णोद्धार कार्य कराया जा रहा है। इस कार्य से कृषक परिवारों के साथ साथ स्थानीय पेयजल की समस्या का स्थायी समाधान होगा एवं पर्यटन की दृष्टि से यह क्षेत्र विकसित हो सकेगा।