बालक बालिकाओं को बनाए आत्म निर्भर- सांसद दीया कुमारी, क्षत्रिय युवक संघ के बालिका प्रशिक्षण शिविर का समापन

मानावतों का गुढ़ा में किया कमलोत्सव कार्यक्रम

 

राजसमन्द। सांसद दीया कुमारी ने महाराणा नाथद्वारा के प्रताप छात्रावास में आयोजित श्री क्षत्रिय युवक संघ के बालिका प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में भाग लेते हुए कहा कि बदलते परिवेश में बालक बालिकाओं का आत्म निर्भर होना बहुत आवश्यक है। उन्हें शिक्षित और संस्कारवान बनाना होगा तभी वो आत्म निर्भर बन पाएंगे। यह जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति या समूह की नहीं पूरे समाज की है। आज जरूरत इस बात की है कि हम उनका ऐसा पालन पोषण करें कि वह अपना निर्णय खुद ले सके।

23 सितम्बर से 26 सितंबर तक आयोजित शिविर के समापन सत्र पर अपने अध्यक्षीय उद्बोघन में सांसद दीया कुमारी ने कहा कि बालक बालिकाओं को हमारी संस्कृति और संस्कारों का बोध कराना चाहिए। उन्हें धैर्यवान और कर्मशील बनाए, निर्णय लेने की स्वतंत्रता दें ताकि उन्हें अच्छे बुरे की पहचान हो सके। बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने चाहिए। स्किल एजुकेशन को बढ़ावा देने के साथ खेलों के माध्यम से उनका शारीरिक और मानसिक विकास करना चाहिए। हमारी बेटियां कई खेलों में प्रथम स्थान लेकर हमेह गौरवांवित कर रही है। हमें उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करना चाहिए तथा बालकों को गलतियों से सीखने की प्रेरणा देनी चाहिए। क्षत्रिय युवक संघ बालिकाओं के सर्वांगीण विकास में हर संभव प्रयास कर अन्य समाजों को भी प्रात्साहित करें ताकि समग्र रूप से सभी समाजों को विकास हो सके। यही हमारा क्षात्र धर्म है और यही संघ की शक्ति भी है। सांसद ने युवक संघ के संस्थापक स्वर्गीय तन सिंह को भाव श्रद्धांजलि भी दी।

कार्यक्रम में महेश प्रताप सिंह चौहान ,भीम सिंह चौहान ,सम्भाग प्रमुख ब्रजराज सिंह,जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ ,कुलदीप सिंह ताल, सुमेर सिंह झाला ,नारायण सिंह ,हरदयाल सिंह , मदन सिंह, निर्भय सिंह ,डॉ. लक्ष्मी कुमारी के साथ शिविरार्थी बालिकाएं उपस्थित थी।

मानावतों का गुढ़ा में किया कमलोत्सव कार्यक्रम –

भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर कमलोत्सव अभियान के अन्तर्गत संसदीय क्षेत्र राजसमंद की विधानसभा कुम्भलगढ़ के ग्राम मानावतों का गुढ़ा बूथ संख्या-144 पर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ कमलोत्सव मनाया। कार्यक्रम के दौरान बूथ अध्यक्षों एवं लम्पी संक्रमण से ग्रसित गायों की देखरेख करने वाले गौ सेवको का सम्मान करते हुए पौधरोपण किया।