कुम्भलगढ़ महोत्सव में झलकी लोक संस्कृति की झलक

राजसमन्द। पर्यटन विभाग तथा जिला प्रशासन राजसमन्द के संयुक्त तत्वावधान में ऎतिहासिक कुम्भलगढ़ दुर्ग परिसर के वेदी चौक में कुम्भलगढ़ महोत्सव-2019 के दूसरे दिन प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

    विभिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों ने दी आकर्षक प्रस्तुतियां

    कुम्भलगढ़ महोत्सव के दूसरे दिवस जैसलमेर से आए कलाकर दल बाबू खां व दल ने लंगा गायन, बाड़मेर के कलाकर दल गोतम व साथी द्वारा घूमर नृत्य, बांरा के गोपाल व साथी ने सहरिया स्वागं, बस्सी जयपुर से रतनलाल व साथी ने कच्छी घोड़ी, बारां के कलाकारों ने  चकरी नृत्य, जोधपुर के राजेन्द्र व दल ने नगांड़ाव शहनाई, समीचा की तैराताली पार्टी, चुरू के दल द्वारा चंग की थाप, बाड़मेर के कलाकारों द्वारा लाल आंगी गैर नृत्य, कुम्भलगढ़ के बनकिया, खेरवाड़ा के गैर नृत्य प्रस्तुतियों ने उपस्थित सभी देशी तथा विदेशी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

    रात्रिकालीन प्रस्तुतियों से संगीतमय हुआ दुर्ग का माहौल

    कुम्भलगढ़ महोत्सव में प्रथम दिन देर रात कत्थक नृत्य ऎकेडमी, जयपुर से आये दल ने अपनी प्रस्तुतियाेंं से कुम्भलगढ़ दुर्ग के वातावरण को संगीतय बना दिया और अपनी नृत्य कला से उपस्थित दर्शकों का दिल जीता।

    कार्यक्रम में पर्यटन उप निदेशक शिखा सक्सेना, अजमेर से पर्यटन उप निदेशक योगेश खत्री, सहायक पर्यटन अधिकारी नीलु राठौड़,  सुजीत जोशी, जितेन्द्र माली आदि मौजुद रहे।