कला संस्कृति के संरक्षण में उत्सवों की महत्वपूर्ण भूमिका – डॉ चंद्रभान

तीन दिवसीय कुम्भलगढ़ महोत्सव का रंगारंग आगाज

राजसमंद । जिले के कुंभलगढ़ किले पर तीन दिवसीय कुंभलगढ़ फेस्टिवल का भव्य रंगारंग आगाज हुआ। सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान ने इसका विधिवत् शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उत्सवों के आयोजन से कला, संस्कृति की विरासत को सरंक्षण मिलता है एंव उनका संर्वद्वन भी होता है।

वे आज जिले के कुम्भलगढ में पर्यटन विभाग व प्रशासन की ओर से आयेजित तीन दिवसीय कुम्भलगढ महोत्सव में सम्बाधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महोत्सव मेवाड क्षेत्र की कला और संस्कृति की नायाब पहचान है जिसमें यहां की सांस्कृतिक विरासत इतिहास, दर्शन, कला आदि की झलक दिखायी देती है।

कार्यक्रम में कुम्भलगढ प्रधान, उपखंड अधिकारी जयपाल सिंह राठौड़, तहसीलदार रंजीत सिंह चारण, थाना अधिकारी श्याम राज सिंह, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक सुमिता मीणा, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष भारतपाल सिंह, हेरिटेज सोसाइटी के सचिव कुबेर सिंह सहित अतिथियों ने यज्ञ वेदी परिसर में गणपति भगवान की पूजा अर्चना एवं महाराणा कुंभा की छवि के समक्ष दीप प्रज्वलित करने के पश्चात् बीसूका उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान ने ढोल की थाप लगाकर आगाज किया।

शुभारंभ के अवसर पर देश-प्रदेश से आए प्रख्यात लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। आयोजित  तीन दिवसीय कार्यक्रम में दोपहर 11 से 3 बजे तक राजस्थानी विधा पर आधारित नृत्य एवं कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई वहीं से दक्षिण विधा पर आधारित शास्त्रीय संगीत और नृत्य की प्रस्तुति का कार्यक्रम रहा। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार तीनों दिन देश-प्रदेश के ख्यातनाम कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी जाएगी।