मचीन्द में ऐतिहासिक ‘राणा का चौरा’ बनेगा इको पर्यटन केंद्र,विभिन्न कार्यों के लिए होगें चार करोड़ खर्च

विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. जोशी ने किया वर्चुअल शिलान्यास
प्रताप से जुड़े स्थलों का होगा ईको पर्यटन एवं पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन की दृष्टि से विकास

राजसमन्द । विधानसभा अध्यक्ष डाॅ सी पी जोशी द्वारा लगातार कराये जा रहे क्षेत्रीय विकास कार्यों के क्रम में 24 जून का दिन ग्रामीण पर्यटन विकास की दृष्टि से एक मील का पत्थर साबित होकर वैश्विक स्तर पर  जिले को नई पहचान दिलाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी ने गुरुवार को जिले की मचीन्द ग्राम पंचायत में प्रस्तावित इको टूरिज्म की योजना सहित विभिन्न कार्यों का शिलान्यास राणा पुंजा मेला स्थल पर वर्चुअल तरीके से किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास और आधुनिकता के साथ कला, ऐतिहासिक विरासतों आदि का सरंक्षण भी किया जायेगा जिससे कि आने वाली पीढीयां अपने ऐतिहासिक स्वरूप व कला क्षेत्र के बारे में जान सके।
वर्चुअल शिलान्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष एवं नाथद्वारा विधायक डाॅ सी.पी. जोशी ने की व मुख्य अतिथि जिला प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया विशिष्ट अतिथि जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुनसिंह बामणिया थे।


जिला प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना ने सम्बोधित करते हुये कहा कि जिले के विकास कार्य आगे भी करते रहेंगें और इसके लिये प्रतिबद्व है।वर्चुअल कार्यक्रम में जनजातिय क्षेत्रीय विकास मंत्री ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया । कार्यक्रम में प्रथम चरण का वर्चुअल शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन राणा पुंजा मेला स्थल पर किया गया। इस अवसर पर जिला कलक्टरी कार्यालय के वीसी रूम से जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने इको टूरिज्म प्रोजेक्ट के बारे में पूरी विस्तार से जानकारी दी।


जिले के मचीन्द ग्राम पंचायत में स्थित महाराणा प्रताप की शरण स्थली, प्रताप के विश्वास पात्र भील आदिवासी सेना के सेनापति राणा पुंजा की कर्म स्थली, महान तपस्वी गुरू गोरखनाथ एवं मछीन्द्रनाथ की तपोस्थली, प्रताप के ज्येष्ठ पुत्र अमरसिंह की जन्म स्थली, बागेरी नाका वृहद पेयजल योजना की निर्माण स्थली, वांकेराव बावजी की तीर्थ स्थली के नाम से विख़्यात एवं प्रसिद्ध मचीन्द गाँव के पश्चिमी छोर पर स्थित अरावली पर्वतमाला की तलहटी पर स्थित राणा का चौरा से राणा पुंजा मेला ग्राउण्ड वन खण्ड को वन विभाग राजसमंद, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर एवं मनरेगा के संयुक्त तत्वावधान में राज्य सरकार द्वारा करीब दो करोड़ रुपये खर्च कर इन पर्यटन स्थलों का कायाकल्प करने का कार्य प्रांरभ किया जायेगा।

जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ दिनेश राय सापेला ने कार्यक्रम स्थल पर मंचासीन अतिथियों का स्वागत एवं परिचय करवा कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राजसमंद उपवन संरक्षक फतेहसिंह राठौड़ ने सभी प्रस्तावित विकास कार्यों की रूपरेखा का प्रस्तुतिकरण किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. जोशी ने वर्चुअल शिलान्यास की रस्म अदा की।

क्षेत्रीय वन अधिकारी नाथद्वारा मोहम्मद इस्माइल शेख ने बताया कि डीएमएफटी योजना अन्तर्गत ईको ट्रेल कम पाथ निर्माण, राणा पूंजा स्मारक से राणा का चौरा तक प्रथम चरण, राणा पूंजा स्मारक स्थल से पुराने  महल तक1500 मीटर सड़क निर्माण के लिए कुल स्वीकृत 176.28 लाख रूपये, टी.ए.डी. अन्तर्गत 146.50 लाख रुपये के साथ मनरेगा योजना अन्तर्गत 50 लाख रूपये के विभिन्न कार्य स्वीकृत किये।
इस मौके पर राउमावि मचीन्द के वरिष्ठ शिक्षक राजेन्द्र प्रसाद श्रीमाली ने मचीन्द के इतिहास के बारे में बताया। महाराणा प्रताप के ज्येष्ठ पुत्र अमरसिंह सिसोदिया के बाल्यकाल पर आधारित एवं प्रताप के मचीन्द स्थित राणा का चौरा महल के प्रवास के दौरान घटी घटना पर आधारित ‘अरे घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो’ की कविता का वाचन किया गया।

इस अवसर पर जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल जिला कलक्टरी कार्यालय से व अन्य कार्यक्रम स्थल पर विकास अधिकारी निता पारीख, खमनोर तहसीलदार सोहनलाल शर्मा,सरपंच अम्बा कुमारी मीणा, वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समिति मचीन्द अध्यक्ष रमेश सोनी, उपसरपंच पंकज सोनी, पंचायत समिति खमनोर प्रधान भैरूलाल वीरवाल, उपप्रधान वैभवराज सिंह चैहान, आदिवासी समाज के वनावल चोखला अध्यक्ष तखतमल गमेती, पूर्व सरपंच लक्ष्मीलाल सोनी, समाजसेवी शांतिलाल जैन, पूर्व उप प्रधान धर्मनारायण पुरोहित, मांगीलाल पालीवाल, पीईईओ मचीन्द अनिता दैया आदि अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।