पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखा किया रवाना, कारागार का किया औचक निरीक्षण

राजसमंद। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद द्वारा चलाए जा रहे ’’पर्यावरण संरक्षण अभियान’’ के तहत पर्यावरण संरक्षण विधिक जागरूकता रथ को सुनील पंचोली न्यायाधीश, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अभियान का मुख्य उद्देश्य पेड़ों के महत्व तथा पेड़ों के संरक्षण से पृथ्वी की सुरक्षा के बारे में जानकारी प्रदान करना तथा सिंगल यूज प्लॉस्टिक के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता का प्रचार-प्रसार करना है। उन्होंने बताया गया 01 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लॉस्टिक के उपयोग पर पूर्णतया रोक लग जाएगी।

वैष्णव ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत इस जागरूकता रथ के माध्यम से आमजन में जागरूकता पैदा करने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के संबंध में जानकारी, प्लास्टिक से होने वाले नुकसान, प्लास्टिक के विकल्प के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। रथ के माध्यम से आमजन में प्लास्टिक निर्माण में उपयोग किए जाने वाले रसायन शरीर के लिए विषाक्त और हानिकारक हैं। प्लास्टिक के इस्तेमाल से सीसा, कैडमियम सीधे मानव शरीर के सम्पर्क में आते हैं, जिससे कैंसर, जन्मजात विकलांगता तथा बचपन में बच्चों के विकास को प्रभावित कर सकते हैं , के संबंध में प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजसमंद द्वारा आमजन में जागरूकता लाने के लिए तीन जिंगल तैयार की गई है। रथ जिला परिषद क्षेत्र में डोर टू डोर प्रत्येक गली मोहल्ले में जाकर आमजन को इस बारे में जागरूक करेंगे और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे। उक्त जागरूकता रथ वाहन आमजन में जागरूकता लाने के लिए जिला परिषद द्वारा उपलब्ध करवाया गया।

कार्यक्रम में डॉ. ऋचा चायल, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्ट, राजसमंद व प्राधिकरण कार्मिक गौरव पुरोहित, श्रीमती सुनिता गुर्जर, हेमंत पालीवाल,  नरेश जीनगर, सागर वर्मा, अधिवक्तागण  ललित साहू, गिरिशचंद्र पुरोहित, होमगार्डस एवं आमजन उपस्थित रहें।

’’टीम ने किया कारागृह का निरीक्षण ’’

मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमंद एवं पैनल अधिवक्ता ललित साहू द्वारा जिला कारागृह का दिनांक 23.06.2022 को समय 01ः15 पीएम पर औचक निरीक्षण कर भोजन, सफाई इत्यादि की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।

वक्त निरीक्षण कारागृह में 169 बंदी निरूद्ध मिले। वैष्णव ने क्षमता से अधिक बंदियों को अन्यत्र कारागृह में स्थानांतरित करने के निर्देश दिये। बंदियों को सुबह नाश्ते में भीगे हुए चने एवं दोपहर के भोजन में बैंगन की सब्जी, मूंग की दाल तथा चपाती दी गयी। निरीक्षण दौरान सायंकालीन भोजन की तैयार की चल रही थी। कारागृह में शीतल पेयजल हेतु वाटर कूलर की व्यवस्था है।

वैष्णव ने नवीन प्रवेशित बंदियों से संवाद किया गया 3 बंदियों के अलावा सभी बंदियों ने अधिवक्ता नियुक्त होना बताया, जिस पर वैष्णव ने तत्काल तीनों बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। वैष्णव ने विधिक सहायता क्लिनिक के सबंध में भी जानकारी ली। वैष्णव द्वारा कैंटीन में उपलब्ध वस्तुओं की भी जांच की गई तथा टैलीफोनिक संचार की सुविधाओं के बारे में जानकरी ली गई और कारागृह में लगाए गए पौधों के बारे में भी जानकारी ली गई तथा उनकी जांच की गई जांच करने पर सभी पौधे जीवित अवस्था में पाए गए। नवीन बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता, नालसा लीगल सर्विस ऐप, मध्यस्थता, पीड़ित प्रतिकर स्कीम, श्रमिक कल्याण की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी।

अपील हेतु प्रदान की निःशुल्क विधिक सहायता

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद द्वारा केन्द्रीय कारागृह में उदयपुर में निरूद्ध एक बंदी को अपील करने के लिए निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई। ये प्रकरण पॉक्सो न्यायालय से संबंधित था, जिसमें बंदी को पॉक्सो कोर्ट द्वारा दोषसिद्ध करने के पश्चात् कारावास से दंडित किया था। जेल से प्राप्त सूचना पर प्राधिकरण द्वारा आवश्यक दस्तावेज सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए बंदी की अपील माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय को प्रेषित करने हेतु उच्च न्यायालय विधिक सहायता समिति जोधपुर को प्रेषित की है।